मणिपुर: सरकार के खिलाफ जनता सड़क पर, तनाव के बाद पांच दिनों के लिए इंटरनेट बंद, दो जिलों में दो महीनों के लिए लगी धारा 144
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 7, 2022 04:33 PM2022-08-07T16:33:37+5:302022-08-07T16:41:33+5:30
मणिपुर में प्रदर्शनकारी मणिपुर सरकार पर मणिपुर (पहाड़ी क्षेत्र) स्वायत्त जिला परिषद विधेयक 2021 को पास करने के लिए मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार दबाव डाल रहे हैं। जिसके कारण स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई है।
इंफाल:मणिपुर में बीते दो दिनों से सीएम एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के खिलाफ जनता सड़कों पर उतर कर धरना-प्रदर्शन कर रही है। इस वजह से राज्य सरकार ने सख्त एक्शन लेते हुए पूरे राज्य में पांच दिनों के लिए इंटरनेट प्रतिबंधित कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक प्रदर्शनकारी मणिपुर सरकार पर मणिपुर (पहाड़ी क्षेत्र) स्वायत्त जिला परिषद विधेयक 2021 को पास करने के लिए दबाव डाल रहे हैं। वहीं सरकार ने राज्य में हिंसक गतिविधियों के कारण सख्त एक्शन लेने की बात कही है। इस मामले में आदेश जारी करते हुए स्पेशल सेक्रेटरी होम ज्ञानप्रकाश ने शनिवार कहा कि राज्य में कुछ असामाजिक तत्व सोशल मीडिया के माध्यम से राज्य की शांति व्यवस्था को भंग करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि कथित आपराधिक तत्व सोशल मीडिया के जरिये सरकार के खिलाफ आम लोगों को उकसाने का काम कर रहे हैं। इसलिए स्थिति की गंभीरता को देखते हुए आगामी पांच दिनों के लिए पूरे प्रदेश में इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाया जाता है।
खबरों के अनुसार स्पेशल सेक्रेटरी होम का यह आदेश विष्णुपुर जिले के पुलिस अधीक्षक की उस रिपोर्ट के बाद जारी हुआ, जिसमें पुलिस अधीक्षक ने शासन को जानकारी दी थी कि सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ कथित अफवाह के बाद शनिवार की शाम को फुगकचाओ इखांग में कथित तौर पर हिंसक भीड़ ने एक वाहन को आग लगा दी और इलाके में भारी तोड़फोड़ भी की।
इसके साथ ही विष्णुपुर के पुलिस अधीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि इस अपराध के चलते क्षेत्र में तनाव चरम पर है। जिसके कारण विष्णुपुर और चुराचांदपुर जिले में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। विष्णुपुर जिला प्रशासन ने यह आदेश शनिवार शाम से पूरे दो महीने के लागू किया है। इसके साथ ही चुराचांदपुर जिला प्रशासन ने भी अपनी सीमा क्षेत्र में दो महीनों के लिए धारा 144 लागू कर दी है।
दरअसल यह विवाद तब पैदा हुआ जब ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर (एटीएसयूएम) ने अपनी मांगों को लेकर बीते शुक्रवार की सुबह मणिपुर के राष्ट्रीय राजमार्गों पर अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी लगा दी। छात्र संगठन राज्य सरकार से मणिपुर (पहाड़ी क्षेत्र) स्वायत्त जिला परिषद विधेयक 2021 को विधानसभा में पेश करने की मांग कर रहा है।
इस संबंध में छात्र संगठन एटीएसयूएम का कहना है कि अगर मणिपुर (पहाड़ी क्षेत्र) स्वायत्त जिला परिषद विधेयक 2021 विधानसभा से पास हो जाता है तो इससे घाटी इलाकों के विकास के लिए अधिक वित्तीय और प्रशासनिक स्वायत्तता मिलेगी। संगठन का आरोप है कि सरकार इस मामले को जानबूझकर लटका रही है, इस कारण उसे मजबूरन अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी करनी पड़ी है।
वहीं मणिपुर में सीएम एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार का कहना है कि उन्होंने विधानसभा में मंगलवार को मणिपुर (पहाड़ी क्षेत्र) जिला परिषद 6वां और 7वां संशोधन बिल पेश किया है। लेकिन प्रदर्शनकारी इसका विरोध करते हुए दावा कर रहे हैं कि बीरेन सिंह सरकार द्वारा पेश किया गया विधेयक उनकी मांगों को पूरा नहीं करता है।