लोकसभा चुनाव 2019: करनाल से चुनाव लड़ना चाहती थीं मेनका, शीर्ष नेतृत्व के मनाही के बाद बेटे वरुण से बदली सीट
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: April 19, 2019 04:36 PM2019-04-19T16:36:25+5:302019-04-19T16:54:23+5:30
वरुण गांधी फिलहाल यूपी के सुल्तानपुर से सांसद है और 2009 में वो पीलीभीत से ही पहली बार सांसद बने थे।
केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी लोकसभा चुनाव 2019 में हरियाणा के करनाल से चुनाव लड़ना चाहती थीं। मेनका अपनी परंपरागत सीट पीलीभीत अपनी बेटे वरुण गांधी के लिए छोड़ना चाहती थीं। हालांकि शीर्ष नेतृत्व ने मेनका को इसकी इजाजत नहीं दी, जिसके बाद मेनका और वरुण गांधी की सीटों की अदला बदली हुई।
इस बार मेनका सुलतानपुर जबकि वरुण पीलीभीत से चुनाव लड़ रहे हैं। वरुण गांधी फिलहाल यूपी के सुल्तानपुर से सांसद है और 2009 में वो पीलीभीत से ही पहली बार सांसद बने थे। सुलतानपुर सीट पर लोकसभा चुनाव 2014 में वरुण गांधी ने बीएसपी के पवन पांडे को 1.79 लाख वोटों से हराया था। यह सीट 2009 में कांग्रेस के खाते में गई थी। कांग्रेस नेता संजय सिंह ने बीएसपी के मोहम्मद ताहिर को करीब 99 हजार वोटों से हराया था।
करनाल से नहीं मिली लड़ने की इजाजत
पीलीभीत मेनका गांधी की परंपरागत सीट है। इस सीट पर मेनका ने 1989 में पहली बार चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी। इसके बाद से वह यहां से छह बार सांसद रह चुकी हैं। लोकसभा चुनाव 2014 में मेनका ने इस सीट पर 3 लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी। मेनका यह सीट अपने बेटे वरुण को देना चाहती थीं। वह खुद करनाल सीट से लड़ना चाहती थीं। लेकिन शीर्ष नेतृत्व ने मना कर दिया।
पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने कहा कि सिर्फ आपके परिवार में ही दो लोगों को टिकट दिया जा रहा है। ऐसे में एक केंद्रीय मंत्री को अपनी सीट छोड़कर दूसरे जगह लड़ने से गलत संदेश जाएगा। जिसके बाद सीटों की अदला-बदली हुई है।