मुजफ्फरपुर-देवरिया जैसा कांड ना हो, इसके लिए मेनका गांधी ने दिया ये सुझाव, बोली- जीने लायक मिले माहौल
By भाषा | Published: August 31, 2018 05:59 PM2018-08-31T17:59:03+5:302018-08-31T17:59:03+5:30
वृंदावन में विधवा एवं बेसहारा महिलाओं के लिए आश्रय गृह 'कृष्ण कुटीर' का उद्घाटन करने के बाद मेनका ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने संयुक्त आश्रय गृह को लेकर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है।
वृंदावन, 31 अगस्त: बिहार के मुजफ्फरपुर और देश के कुछ अन्य हिस्सों के बालिका गृहों में यौन शोषण की हालिया घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा है कि वे अपने यहां बेसहारा महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों के लिए संयुक्त आश्रय केंद्र की पहल करें।
वृंदावन में विधवा एवं बेसहारा महिलाओं के लिए आश्रय गृह 'कृष्ण कुटीर' का उद्घाटन करने के बाद मेनका ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने संयुक्त आश्रय गृह को लेकर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है।
उन्होंने कहा, 'मैंने सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर कहा है कि वे बेसहारा महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों के लिए एक संयुक्त आश्रय स्थल के लिए जमीन दें। अगर एक आश्रय स्थल में सभी होंगे तो इनकी सही ढंग से निगरानी हो सकेगी। इससे मुजफ्फरपुर जैसी घटना को रोका जा सकेगा।' इससे पहले मेनका और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'कृष्ण कुटीर' का उद्घाटन किया।
मेनका ने कहा कि महिला, बालिका गृह, बालाश्रय हो या जेल हो सब जगह जीने लायक माहौल देना सरकार की जिम्मेदारी है उनके साथ अमानवीय या जानवरों के जैसा बरताव नहीं होना चाहिये। जैसा कि भायखला जेल में देखने को मिला जहां सेनेटरी नैपकिन मांगने की वजह से उसे बुरी तरह पीटा गया। मेनका गांधी ने कहा कि कृष्ण कुटीर उनका स्वप्न था जब वे मंत्री बनी थी। जिसमें वृंदावन जगह तय की गयी। क्योंकि विधवाओं का जीवन बहुत कठिन था।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा कौशल विकास केंद्र भी स्थापित करने की योजना बनाई गयी है। यहां से अगरबत्तियां जैसे ब्रांडेड प्रोडक्ट बनाये जायेंगे। उन्होंने संयुक्त आश्रय स्थल के लिए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ से लखनऊ और वाराणसी में जमीन उपलब्ध कराने का आग्रह किया जिस पर मुख्यमंत्री ने सहमति जताई।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ‘स्वाधार गृह’ योजना के तहत वृंदावन में बनाए गए ‘कृष्ण कुटीर’ में करीब एक हजार विधवाएं रह सकेंगी। इसका निर्माण एनबीसीसी के द्वारा 1.4 हेक्टेयर के क्षेत्र में किया गया है और इस पर 57 करोड़ रुपये का खर्च आया है। इस चार मंजिला इमारत को बुजुर्गों और दिव्यांगों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसमें कौशल-सह-प्रशिक्षण केंद्र भी होगा।