दोस्त हो तो ऐसा.. 3000 किमी दूर से लाया दोस्त का शव, पुरस्कार राशि दान कर दी मुख्यमंत्री राहत कोष में

By गुणातीत ओझा | Published: May 1, 2020 02:26 PM2020-05-01T14:26:50+5:302020-05-01T14:26:50+5:30

man travels 3000 km to bring dead body of friend to mizoram after his death in chennai | दोस्त हो तो ऐसा.. 3000 किमी दूर से लाया दोस्त का शव, पुरस्कार राशि दान कर दी मुख्यमंत्री राहत कोष में

3000 किलोमीटर का सफर तय कर युवक चेन्नई से अपने दोस्त का शव मिजोरम ले आया।

Highlightsकोरोना से जंग के बीच एक युवक ने दोस्ती की मिसाल पेश की है। 3000 किलोमीटर का सफर तय कर युवक चेन्नई से अपने दोस्त का शव मिजोरम ले आया।इतना ही नहीं उसने इस परोपकार के लिए मिली पुरस्कार राशि को कोविड-19 वैश्विक महामारी से जंग के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएमआरएफ) में दान कर दिया है।

आइजोल। कोरोना से जंग के बीच एक युवक ने दोस्ती की मिसाल पेश की है। 3000 किलोमीटर का सफर तय कर युवक चेन्नई से अपने दोस्त का शव मिजोरम ले आया। इतना ही नहीं उसने इस परोपकार के लिए मिली पुरस्कार राशि को कोविड-19 वैश्विक महामारी से जंग के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएमआरएफ) में दान कर दिया है। मिजोरम के सुदूर दक्षिणी कोने में स्थित लॉन्गतलई जिले के हमांगबु गांव के निवासी, 23 वर्षीय रफायल एवीएल मलछनहिमा ने 5,000 रुपये बृहस्पतिवार को राहत कोष में दान कर दिए। मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा ने युवा के नेक कार्यों के लिए उसकी सराहना एक नायक के तौर पर की।

उन्होंने ट्वीट किया, “मानवता में भरोसा एक बार फिर बहाल हुआ है। अपने दोस्त के शव को 3,000 किलोमीटर से अधिक दूरी तक साथ लाने के नि:स्वार्थ एवं वीरतापूर्ण कार्य के बाद, रफायल एवीएल मलछनहिमा ने सरकार द्वारा निर्धारित पृथक केंद्र से मुख्यमंत्री राहत कोष में 5,000 रुपये दान किए।” मलछनहिमा ने कहा कि उन्होंने छोटे से तरीके से अपना योगदान दिया है क्योंकि वह अपने राज्य में लोगों के सामने आ रही दिक्कतों को जानते हैं। मलछनहिमा ने कहा, “मैं जानता हूं कि फिलहाल मेरा राज्य उस संकट का सामना कर रहा है जिसने लोगों के लिए बहुत दिक्कतें खड़ी कर दी हैं। मेरे पास बहुत सीमित संसाधन है और मैं अपने राज्य के लिए बहुत कम कर सकता हूं। मैंने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग के लिए 5,000 रुपये दान किए हैं।”

दसवीं कक्षा तक पढ़ाई पूरी करने के बाद वह अपने परिवार के गुजर-बसर के लिए चेन्नई के एक होटल में काम करता है। मलछनहिमा फिलहाल आइजोल में राज्य सरकार के एक केंद्र में पृथक-वास में है। उन्होंने कहा, “मैं यहां अच्छा वक्त बिता रहा हूं। सरकार जो कुछ दे सकती है हमें दे रही है। मैं उनकी ओर से की जा रही देखभाल से खुश हूं।” उन्होंने दूसरों से भी मुख्यमंत्री राहत कोष में दान देने की अपील की है, चाहे राशि कितनी भी मामूली हो। डिलिवरी करने वाले एक लड़के किमा राल्टे की भी मुख्यमंत्री ने तारीफ की है जिसने अपनी बचत से 100 रुपये राहत कोष में दान किए हैं।

Web Title: man travels 3000 km to bring dead body of friend to mizoram after his death in chennai

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