ममता बनर्जी ने बजट को 'अवसरवादी' और 'जन विरोधी' बताया, तेजस्वी बोले- 'ये निल बट्टा सन्नाटा', जानें किसने क्या कहा?
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 1, 2023 03:07 PM2023-02-01T15:07:06+5:302023-02-01T16:32:00+5:30
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘ पिछले साल के बजट ने कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, मनरेगा और अनुसूचित जातियों के लिए कल्याण से जुड़े आवंटन को लेकर वाहवाही बटोरी थी। आज वास्तविकता सर्वविदित है। वास्तविक खर्च बजट के मुकाबले काफी कम है।’’
नई दिल्लीः कांग्रेस समेत कई अन्य पार्टी नेताओं ने आम बजट को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है। कांग्रेस ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट को लेकर बुधवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले साल बजट पर वाहवाही बटोरी थी, लेकिन वास्तविकता सामने आ गई क्योंकि उसकी रणनीति ‘वादे ज्यादा और काम कम करने’ वाली है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘ पिछले साल के बजट ने कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, मनरेगा और अनुसूचित जातियों के लिए कल्याण से जुड़े आवंटन को लेकर वाहवाही बटोरी थी। आज वास्तविकता सर्वविदित है। वास्तविक खर्च बजट के मुकाबले काफी कम है।’’
वहीं शशि थरूर ने कहा कि बजट में महंगाई, बेरोजगारी की कोई चर्चा नहीं है। उन्होंने कहा, बजट में कुछ चीजें अच्छी थी मैं इसे पूरी तरह नकारात्मक नहीं कहूंगा, लेकिन अभी भी कई सवाल उठते हैं। बजट में मनरेगा का कोई जिक्र नहीं था। उन्होंने कहा कि सरकार मजदूरों के लिए क्या करने जा रही है? बेरोजगारी, महंगाई की बात भी नहीं की गई।
बजट आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट की पुनरावृत्तिः कीर्ति चिदंबरम
कांग्रेस सांसद कीर्ति चिदंबरम ने कहा कि बजट का एक बड़ा हिस्सा राष्ट्रपति के अभिभाषण और आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट की पुनरावृत्ति है...टैक्स में किसी भी तरह की कटौती का स्वागत है। लोगों के हाथ में पैसा देना अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का सबसे अच्छा तरीका है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बजट में गरीबों और वंचित वर्ग के लोगों की अनदेखी की बात कही। उन्होंने कहा कि बजट से गरीब वंचित रह जाएंगे और सिर्फ एक वर्ग के लोगों को इस बजट से फायदा होगा। बकौल ममता बनर्जी- केंद्रीय बजट “पूर्णत: अवसरवादी” और “जन विरोधी”
ये बजट निल बट्टा सन्नाटा हैः तेजस्वी यादव
बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि ये बजट निल बट्टा सन्नाटा है, बिहार के लिए कुछ नहीं है। केंद्र में बिहार के जितने सांसद हैं उन्हें शर्म से डूब जाना चाहिए। किसानों के लिए, रेलवे के लिए कुछ नहीं है। UPA की सरकार में बिहार को जितना दिया जाता था क्या इस सरकार ने दिया? तेजस्वी यादव ने कहा कि BJP धर्म की राजनीति से ध्यान भटका कर संविधान खत्म कर रही है।नाम बदलने के अलावा इन्होंने कुछ किया? इससे किसे रोजी-रोटी मिली?बिहार के लोगों को ठगने की कोशिश की गई है। मध्यम वर्ग महंगाई से परेशान है। टैक्स में छूट आंखों में धूल झोंकने के बराबर है।
राजद सांसद मनोज झा ने कही ये बात
राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने बजट में अनुच्छेद 39 की अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, मैंने वित्त मंत्री को कई बार कहा है कि जब भी बजट बनाए तो अनुच्छेद 39 को देख लें। संविधान से आंखें मूंद कर स्तुति गान वाला बजट बनाते हैं तो कुछ हासिल नहीं होगा। रोजगार के लिए आपने गोल-गोल बातें की। ये बजट खास लोगों का खास लोगों द्वारा खास तरह से बनाया बजट है।
सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा- बहुत ही निराशाजनक बजट
सपा सांसद डिंपल यादव ने बजट को चुनावी बजट करार दिया। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए कुछ नहीं है। किसानों की एमएसपी की बात नहीं की है। रेलवे को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है। बकौल डिंपल- आधी से ज्यादा आबादी गांव में बसती है लेकिन उनके लिए कुछ नहीं किया है। ये बहुत ही निराशाजनक बजट है।
स्मृति ईरानी ने कहा- बजट से भारत प्रफुल्लित है भले ही विपक्ष नाराज हो
इस बजट से महिला का सम्मान बढ़ा, बच्चों और किशोरों के लिए डिजिटल लाइब्रेरी की घोषणा से ज़िला स्तर पर बच्चे कैसे पढ़ेंगे और बढ़ेंगे इसका उल्लेख किया गया है। नारी शक्ति एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण कैसे कर सकती है इसका प्रतिबिंब आज के बजट में दिखता है। बकौल ईरानी- ये बजट मध्यम वर्ग के हित में है, इससे भारत प्रफुल्लित है भले ही विपक्ष नाराज हो।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने बजट को रोडमैप बताया
प्रह्लाद पटेल ने कहा कि मुझे लगता है अमृतकाल में ये हमारा रोडमैप है, हम दुनिया में अपनी अर्थव्यवस्था को 10वें से 5वें स्थान पर ले आए इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा- सबको कुछ न कुछ दिया गया है
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने बजट को लेकर सकारात्मक टिप्पणी की। उन्होंने कहा, बजट में मध्यम वर्ग को मदद दी गई है, सबको कुछ न कुछ दिया गया है। डेढ़ घंटे तक हमने बजट सुना अब हम इसपर बात करेंगे जब मौका आएगाः