मल्लिकार्जुन खड़गे ने पटना में हो रही विपक्षी बैठक पर कहा, "एजेंडा भाजपा सरकार को हटाना है"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 23, 2023 09:32 AM2023-06-23T09:32:06+5:302023-06-23T09:36:46+5:30

कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने पटना में हो रही विपक्षी दलों की बैठक के बारे में कहा कि विपक्षी दलों का एजेंडा स्पष्ट है कि सत्ताधारी भाजपा को गद्दी से नीचे उतारना है।

Mallikarjun Kharge said on the opposition meeting being held in Patna, "The agenda is to remove the BJP government" | मल्लिकार्जुन खड़गे ने पटना में हो रही विपक्षी बैठक पर कहा, "एजेंडा भाजपा सरकार को हटाना है"

मल्लिकार्जुन खड़गे ने पटना में हो रही विपक्षी बैठक पर कहा, "एजेंडा भाजपा सरकार को हटाना है"

Highlightsपटना में आज हो रही विपक्षी दलों की बैठक के लिए कांग्रेस समेत क्षेत्रीय दलों ने कसी कमरखड़गे, राहुल, पवार, ठाकरे, अखिलेश, स्टालिन, येचुरी समेत तमाम नेता बनाएंगे 2024 की रणनीतिमल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विपक्षी दलों का एक ही एजेंडा है कि भाजपा सरकार को हटाना है

पटना: कांग्रेस समेत देश के अन्य तमाम विपक्षी दल साल 2024 के आम चुनावों में सत्ताधारी भाजपा के खिलाफ अपनी लड़ाई को एकजुट बनाने के लिए और विपक्षी मंच की ओर से सत्ता को दी जाने वाली चुनौती के लिए बिहार की राजधानी पटना में बैठक करेंगे। उम्मीद की जा रही है कि इस बैठक में वपक्ष अपना "पहला मसौदा" तैयार करेगा।

खबरों के मुताबिक कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी विपक्षी दलों की बैठक में भाग लने के लिए पटना रवाना हो चुके हैं। विपक्षी बैठक के सिलसिले में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "हम सभी विपक्षी दल मिलकर बीजेपी के खिलाफ लड़ना चाहते हैं और हमारा बस एक ही एजेंडा बीजेपी सरकार को हटाना है।"

वहीं दूसरी ओर विपक्षी एकता के इस मुहिम को उस वक्त पतीला लगता हुआ दिखाई दिया, जब दिल्ली और पंजाब की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी ने धमकी दे दी कि अगर विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने वाली कांग्रेस ने दिल्ली सरकार के खिलाफ लाये गये केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन का आश्वासन नहीं दिया तो वह विपक्ष की बैठक में शामिल नहीं होंगी।

दरअसल इस मुद्दे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने देश के कई विपक्ष शासित राज्यों का दौरा किया और उनसे समर्थन मांग है और कई क्षेत्रीय दलों ने केजरीवाल के इस मांग का समर्थन भी किया है लेकिन देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने अभी तक मुद्दे पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं, जिसके कारण आप की जान सांसत में है।

आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस के स्पष्ट रूख न अपनाने के कारण विपक्षी बैठक में शामिल न होने की बात कही है। आप सूत्रों ने कहा कि पार्टी सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा बैठक में अरविंद केजरीवाल यह कांग्रेस के सामने केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ उन्हें समर्थन देने की शर्त रख सकते हैं क्योंकि कांग्रेस ने अब तक अपनी दिल्ली और पंजाब इकाइयों के विरोध के कारण आप को समर्थन देने का वादा नहीं किया है।

इस मुद्दे पर जब मल्लिकार्जुन खड़गे से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, "हम संसद सत्र से पहले केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आप को समर्थन देने के मुद्दे पर फैसला ले लेंगे।" चूंकि कांग्रेस प्रमुख ने आप को समर्थन देने के मुद्दे पर कन्नी काट ली है, इस कारण पटना में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में आप के शामिल होने पर अब भी रहस्य बरकरार है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में हो रहे इस विपक्षी बैठक में भाग लेने के लिए बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही पहुंच चुकी हैं, वहीं द्रमुक नेता एमके स्टालिन भी शुक्रवर के तड़के पटना पहुंच गये हैं। इसके साथ ही शिवसेना (यूबीटी) के उद्धव ठाकरे, उनके बेटे आदित्य ठाकरे, एनसीपी नेता शरद पवार, सीपीआई (एम) के सीताराम येचुरी, जेएमएम के हेमंत सोरेन, सपा के अखिलेश यादव, सीपीआई के डी राजा और नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला भी इस बैठक में शामिल होंगे।

विपक्षी दलों के इस बैठक को लेकर और तमाम विपक्षी नेताओं के पटना में हो रहे जमावड़े पर भाजपा ने भी तीखा हमला बोला है और इसे भ्रष्ट नेताओं का जमघट बताया है। एक तरफ पटना में विपक्षी बैठक के लिए मंच तैयार हो रहा है वहीं दूसरी ओर भाजपा नेताओं ने इसे लेकर हमला बोलना शुरू कर दिया है।

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा, "इस देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि भ्रष्टाचार के आरोप सत्ता पक्ष पर नहीं बल्कि विपक्ष पर लगे हैं। विपक्ष हर चुनाव से पहले इस तरह के शगूफे छोड़ता है । लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है कि भ्रष्ट विपक्षी दलों का सम्मेलन होने जा रहा है। साल 1989 में बोफोर्स घोटाले के लिए सत्तारूढ़ राजीव गांधी सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप थे और 1977 में जनता पार्टी में विभिन्न विपक्षी दलों के विलय का आधार भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई थी। लेकिन इस बार मजे कि बात है कि विपक्षी दलों के पास सत्तारूढ़ दल के खिलाफ कोई बड़ा भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है क्योंकि वो सभी खुद भ्रष्टाचार में फंसे हैं और सरकार उन्हें उजागर करके जनता के सामने रखने का काम कर रही है।”

Web Title: Mallikarjun Kharge said on the opposition meeting being held in Patna, "The agenda is to remove the BJP government"

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