मालेगांव बम विस्फोट मामलाः बम्बई HC का पुरोहित के खिलाफ आरोप तय करने पर रोक लगाने से इनकार
By भाषा | Published: October 29, 2018 04:52 PM2018-10-29T16:52:32+5:302018-10-29T16:52:32+5:30
न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति ए एस गडकरी की एक पीठ हालांकि पुरोहित की उस याचिका पर अगले महीने सुनवायी के लिये सहमत हो गयी जिसमें उन्होंने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून (यूएपीए) के तहत अपने अभियोजन को चुनौती दी है। पुरोहित इस मामले के सात आरोपियों में से एक हैं।
बम्बई उच्च न्यायालय ने 2008 मालेगांव बम विस्फोट मामले में आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ निचली अदालत द्वारा आरोप तय करने पर रोक लगाने से सोमवार को इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति ए एस गडकरी की एक पीठ हालांकि पुरोहित की उस याचिका पर अगले महीने सुनवायी के लिये सहमत हो गयी जिसमें उन्होंने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून (यूएपीए) के तहत अपने अभियोजन को चुनौती दी है। पुरोहित इस मामले के सात आरोपियों में से एक हैं।
पीठ ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआई) के वकील संदेश पाटिल को मामले की अगली सुनवायी की तिथि 21 नवम्बर तक पुरोहित की अर्जी का एक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
पीठ ने निचली अदालत में सुनवायी पर रोक लगाने का पुरोहित का अनुरोध अस्वीकार कर इनकार कर दिया। पीठ ने कहा कि पूर्व में उच्चतम न्यायालय और बम्बई उच्च न्यायालय दोनों ने ही इस मामले की सुनवायी में तेजी लाने का निर्देश दिया था।
आरोप तय करने की प्रक्रिया ऐसी प्रक्रिया होती है जिसके बाद किसी आपराधिक मामले में निचली अदालत में मुकदमा शुरू होता है। वर्तमान मामले में एनआईए की विशेष अदालत द्वारा पुरोहित और अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने की प्रक्रिया मंगलवार को शुरू होने वाली है।
उत्तर महाराष्ट्र के मालेगांव में 29 सितम्बर 2008 कोएक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल पर बंधे विस्फोटक सामग्री में विस्फोट होने से छह व्यक्तियों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक घायल हो गए थे।
पुरोहित के अलावा मामले में अन्य आरोपियों में प्रज्ञा सिंह ठाकुर, मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय, समीर कुलकर्णी, अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी और सुधाकर चतुर्वेदी शामिल हैं।