मालेगांव ब्लास्ट: कोर्ट में गंदी कुर्सी मिलने पर भड़कीं प्रज्ञा, जज के जाते ही चिल्लाईं
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: June 8, 2019 08:46 AM2019-06-08T08:46:15+5:302019-06-08T08:46:15+5:30
मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर शुक्रवार को मुंबई की एनआईए कोर्ट में पेश हुईं.
नवनिर्वाचित भाजपा सांसद एवं 2008 के मालेगांव बम विस्फोट की आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर शुक्रवार को यहां विशेष एनआईए अदालत के समक्ष पेश हुईं. लेकिन जब कोर्ट की कार्यवाही खत्म होने के बाद बाहर निकलते हुए प्रज्ञा ठाकुर चिल्लाने लगीं. बताया जा रहा है कि वह खराब कुर्सी मिलने से नाराज हो हुई थीं. खबरों की मानें तो प्रज्ञा के मुताबिक कोर्ट रूम में उन्हें जो कुर्सी बैठने के लिए दी गई थी वह काफी गंदी और छोटी थी.
एनआईए की विशेष अदालत के न्यायमूर्ति वी. एस. पडालकर ने जब भगवा वस्त्र पहने ठाकुर से पूछा कि धमाके के बारे में उन्हें कुछ कहना है तो ठाकुर ने कहा, ''मुझे कुछ नहीं पता.'' विशेष एनआईए अदालत ने पिछले महीने प्रज्ञा सहित सभी आरोपियों को सप्ताह में कम से कम एक बार अदालत के सामने हाजिर होने का निर्देश दिया था.
अदालत ने कहा कि डॉक्टरों और 'पंचों' समेत 116 गवाहों का परीक्षण किया जा चुका है. सुनवाई के दौरान आरोपी गैरहाजिर रहे और उनके वकीलों ने उनका प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने ठाकुर और दूसरे आरोपी सुधाकर द्विवेदी को कठघरे में बुलाया और पूछा कि क्या वे मालेगांव बम धमाके के बारे में जानते हैं, जिसमें छह लोग मारे गए थे.
इसका उत्तर देते हुए उन्होंने कहा, ''मुझे जानकारी नहीं है.'' द्विवेदी ने भी यही उत्तर दिया. भोपाल से पिछले महीने लोकसभा सांसद निर्वाचित होने के बाद ठाकुर की एनआईए अदालत में यह पहली पेशी है. इस मामले में आरोप तय होने के बाद बीते साल अक्तूबर में वह अंतिम बार हाजिर हुई थीं. न्यायाधीश ने तब कहा था कि केवल ठोस कारण दिए जाने पर ही पेशी से छूट दी जाएगी.
ठाकुर के बेंच पर आराम से बैठने के लिए एक लाल वेलवेट का कपड़ा बिछाया गया था. जब न्यायधीश ने उनसे कठघरे में आने को कहा तो उन्होंने जवाब दिया कि वह अदालत द्वारा दी गई कुर्सी पर बैठने के बजाए खिड़की की तरफ खड़ी रहेंगी. इस 11 साल पुराने विस्फोट मामले में एनआईए अदालत में मुकदमा चल रहा है.
विशेष अदालत ने सोमवार को ठाकुर की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने इस हफ्ते पेशी से छूट की मांग की थी. ठाकुर ने इस आधार पर छूट मांगी थी कि उन्हें संसद में अपने निर्वाचन से संबंधित औपचारिकताएं पूरी करनी हैं, लेकिन अदालत ने कहा कि मामले में इस चरण में उनकी मौजूदगी आवश्यक है.
उनके वकील प्रशांत मागू ने गुरुवार को अदालत को बताया कि उनकी मुवक्किल उच्च रक्तत्चाप से पीडि़त हैं और भोपाल से मुंबई आने में असमर्थ हैं. अदालत ने उन्हें उस दिन पेशी से छूट दे दी और कहा कि वह उसके समक्ष शुक्रवार को पेश हों.