मोदी सरकार को झटका, मलयेशिया के पीएम बोले, जाकिर नाईक को नहीं भेजेंगे भारत
By पल्लवी कुमारी | Published: July 6, 2018 03:26 PM2018-07-06T15:26:31+5:302018-07-06T15:26:31+5:30
पिछले हफ्ते ये खबर आई थी कि जाकिर को मलेशियाई सरकार वापस भारत भेज रहा है। नाईक ने इस खबर साफतौर पर खंडन कर दिया था। वहीं NIA ने भी जाकिर नाईक की गिरफ्तारी के बात से इनकार किया था। भारत सरकार ने 2017 में जाकिर नाईक पर मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग का केस दर्ज किया था।
कुआलालम्पुर, 6 जुलाई: विवादित इस्लाम उपदेश देकर हमेशा चर्चा में रहने वाले जाकिर नाईक को लेकर मलयेशिया सरकार ने नाईक के प्रत्यर्पण से इनकार कर दिया है। मलयेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने शुक्रवार( 6 जुलाई) को कहा कि नाईक को भारत नहीं भेजा जाएगा। गौरतलब है कि जाकिर नाईक फिलहाल से मलयेशिया में शरण लेकर रह रहा है।
मलयेशियाई पीएम ने बताया कि जब तक नाईक की वजह से हमारे देश में कोई दिक्कत नहीं हो रही है, तब तब हम उसे प्रत्यर्पित नहीं करेंगे, क्योंकि जाकिर को मलयेशिया की नागरिकता प्राप्त है। भारत और मलेशिया के बीच आतंकवाद से निपटने को लेकर बढ़ते सहयोग के बावजूद नाईक मलेशिया में शरण पाने में सफल रहा था।
Malaysian Prime Minister Mahathir Mohamad has said that Zakir Naik will not be sent back to India: The Strait Times (file pic) pic.twitter.com/HqKMItTk09
— ANI (@ANI) July 6, 2018
बता दें कि पिछले हफ्ते ये खबर आई थी कि जाकिर को मलेशियाई सरकार वापस भारत भेज रहा है। नाईक ने इस खबर साफतौर पर खंडन कर दिया था। वहीं NIA ने भी जाकिर नाईक की गिरफ्तारी के बात से इनकार किया था। भारत सरकार ने 2017 में जाकिर नाईक पर मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग का केस दर्ज किया था।
जाकिर ने कहा था, जब तक निष्पक्ष सुनवाई नहीं होगी या न्यायप्रिय सरकार नहीं आएगी तब तक वह भारत नहीं आएंगे। इसके अलावा नाइक ने कहा कि जब मुझे लगेगा कि भारत में निष्पक्ष सरकार है वह तभी भारत वापस आएगा।
नाईक के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) और आईपीसी की धारा 20 (b), 153 (a), 295 (a), 298 और 505 (2) के तहत आरोप लगाए गए हैं। बांग्लादेश में आतंकी हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों ने जब जाकिर से प्रभावित होने की बात कबूली थी तो वो 1 जुलाई, 2016 को वह भारत से भाग गया था। इसके बाद नवंबर, 2016 में जाकिर के खिलाफ केस दर्ज किया गया और दिसंबर, 2016 में जाकिर के एनजीओ को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बैन कर दिया था।
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