एनसीआर में सार्वजनिक वाहनों को सीएनजी चालित बनाएं: दिल्ली ने पड़ोसी राज्यों से कहा

By भाषा | Updated: September 23, 2021 16:38 IST2021-09-23T16:38:20+5:302021-09-23T16:38:20+5:30

Make public vehicles in NCR CNG powered: Delhi to neighboring states | एनसीआर में सार्वजनिक वाहनों को सीएनजी चालित बनाएं: दिल्ली ने पड़ोसी राज्यों से कहा

एनसीआर में सार्वजनिक वाहनों को सीएनजी चालित बनाएं: दिल्ली ने पड़ोसी राज्यों से कहा

नयी दिल्ली, 23 सितंबर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बृहस्पतिवार को कहा कि दिल्ली ने पड़ोसी राज्यों से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सार्वजनिक परिवहन वाहनों को सीएनजी (संपीड़ित प्राकृतिक गैस) चालित बनाने और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की नीति अपनाने की अपील की है।

उन्होंने पड़ोसी राज्यों से पटाखों पर भी प्रतिबंध लगाने की अपील की है।

राय ने केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव द्वारा बुलाई गई एनसीआर के राज्यों की एक ऑनलाइन बैठक के दौरान यह सुझाव दिए। केंद्र के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के अध्यक्ष एम एम कुट्टी भी बैठक में शामिल हुए।

राय ने बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्होंने सुझाव दिया, ''पड़ोसी राज्यों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सार्वजनिक परिवहन के वाहनों को सीएनजी (संपीड़ित प्राकृतिक गैस) चालित बनाना चाहिए और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की नीति अपनानी चाहिए।''

उन्होंने कहा कि दिल्ली का सार्वजनिक परिवहन बेड़ा पहले ही सीएनजी में स्थानांतरित कर दिया गया है, लेकिन पड़ोसी राज्यों के डीजल से चलने वाले वाहन दिल्ली सरकार द्वारा किए गए प्रयासों पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

उन्होंने कहा कि एनसीआर में ऐसे ‘थर्मल पावर संयंत्रों’ को विस्तारित नहीं किया जाना चाहिए, जो बिना उत्सर्जन नियंत्रण उपकरणों के काम कर रहे हैं।

राय ने कहा, ''इन संयंत्रों को उत्सर्जन नियंत्रित करने के लिए नयी तकनीक के साथ फिर से लगाया जाना है, लेकिन वे दंड का भुगतान करके इस काम से बच निकलते हैं। इनसे निकलने वाली गैसें सबसे हानिकारक हैं।''

मंत्री ने कहा कि उन्होंने पड़ोसी राज्यों से, पराली जलाना रोकने के लिए ‘‘आपातकालीन उपाय’’ के रूप में पराली पर ‘बायो-डीकंपोजर स्प्रे’ करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो दिल्ली समेत पूरा भारत इस बार भी पराली जलाने से उत्पन्न समस्या का सामना करेगा।

उन्होंने कहा, ''हमने यह भी सुझाव दिया है कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश दिल्ली से लगे अपने क्षेत्रों में प्रदूषण वाले इलाकों को चिह्नित करने और जमीनी स्तर पर कार्य के लिए कार्य बल गठित करें।''

राय ने कहा, ''इन राज्यों के अधिकांश अधिकारी लखनऊ और चंडीगढ़ में बैठते हैं, जबकि उनका अधिकांश धूल प्रदूषण और औद्योगिक उत्सर्जन दिल्ली से सटे इलाकों में केंद्रित है।''

मंत्री ने रेखांकित किया कि दिल्ली की सभी औद्योगिक इकाइयां अब पाइप के जरिये प्रवाहित प्राकृतिक गैस से चल रही हैं।

राय ने कहा कि अन्य राज्यों को भी ऐसा करने के लिए कहा गया है, लेकिन काम की धीमी गति चिंताजनक है। दिल्ली ने आग्रह किया है कि औद्योगिक प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए इसे तेज किया जाए। उन्होंने कहा कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश में केवल कुछ ही ईंट भट्टे ज़िगज़ैग तकनीक का उपयोग कर रहे हैं।

एक ओर दिशानिर्देश बताते हैं कि प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होने पर डीजल जनरेटर पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, दूसरी ओर हरियाणा ने पिछले साल कुछ कॉलोनियों को डीजी सेट का उपयोग करने की अनुमति दी थी क्योंकि उनके पास बिजली की आपूर्ति नहीं थी। राय ने कहा, ''हमने सुझाव दिया है कि ऐसे क्षेत्रों के लिए आपातकालीन व्यवस्था की जानी चाहिए।

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