जम्मू-कश्मीरः शोपियां में हुई गोलीबारी के समय मौजूद नहीं थे मेजर, FIR में किया गया था जिक्र
By रामदीप मिश्रा | Published: January 31, 2018 10:15 AM2018-01-31T10:15:24+5:302018-01-31T10:31:05+5:30
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस घटना की जांच के आदेश दिए थे, जिसके बाद पुलिस ने सेना की गढ़वाल इकाई के 10 कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
जम्मू-कश्मीर में 27 जनवरी को शोपियां जिले के गानोपोरा गांव में सेना के काफिले पर भीड़ ने हमला कर दिया था, जिसके बाद तनाव फैल गया था। इस हमले में सेना की गोलीबारी में दो युवा प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी, जबकि आठ अन्य प्रदर्शनकारी घायल हो गए थे। इस मामले में दो नागरिकों की मौत को लेकर प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करवाई गई थी।
खबरों के मुताबिक, इस प्राथमिकी में सेना के जिस मेजर का जिक्र किया गया, वह घटना स्थल पर मौजूद नहीं थे और वहां से लगभग 200 मीटर की दूरी पर मौजूद थे। इस संबंध में सेना ने इस घटना के सिलसिले में जांच शुरू कर दी है।
वहीं, सूबे की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी घटना की जांच के आदेश दिए थे, जिसके बाद पुलिस ने सेना की गढ़वाल इकाई के 10 कर्मियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 302, 307 के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें मेजर का भी नाम लिया गया था और घटना के समय सैनिकों का नेतृत्व करना बताया गया था।
बता दें, इससे पहले श्रीनगर प्रशासन ने अलगाववादियों के विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए प्रतिबंध लगा दिया था और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से बात की थी। उसके बाद रक्षामंत्री सीतारमण ने मुफ्ती को आश्वासन दिया था कि वह इस घटना के संदर्भ में विस्तृत रिपोर्ट मांगेंगी।
27 जनवरी को इस घटना के संबंध में पुलिस अधिकारियों का कहना था कि शोपियां जिले के गनोवपुरा गांव से गुजर रहे सेना के काफिले पर पथराव हुआ। सुरक्षा बलों ने इन प्रदर्शनकारियों को भगाने के लिए कथित तौर पर कई राउंड फायरिंग की, जिसमें कुछ लोग घायल हो गए।