Mainpuri Lok Sabha by-election 2022: सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने खेला दांव, शिवपाल सिंह को स्टार प्रचारक बनाया, 40 प्रचारकों की लिस्ट जारी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 16, 2022 08:13 PM2022-11-16T20:13:41+5:302022-11-16T20:15:05+5:30
Mainpuri Lok Sabha by-election 2022: सपा की उम्मीदवार डिंपल यादव के मैनपुरी में नामांकन दाखिल करने के समय शिवपाल सिंह यादव और उनके बेटे आदित्य यादव मौजूद नहीं थे।
लखनऊः समाजवादी पार्टी ने मैनपुरीउपचुनाव के लिए अपने स्टार प्रचारक के रूप में शिवपाल सिंह यादव के नाम की घोषणा मंगलवार को की। सपा के प्रधान महासचिव राम गोपाल यादव द्वारा चुनाव आयोग को जो सूची भेजी गई उनमें प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के संस्थापक शिवपाल यादव समेत 40 नाम हैं।
हालांकि सोमवार को सपा की उम्मीदवार डिंपल यादव के मैनपुरी में नामांकन दाखिल करने के समय शिवपाल सिंह यादव और उनके बेटे आदित्य यादव मौजूद नहीं थे। सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी संसदीय सीट खाली हुई। यहां उपचुनाव पांच दिसंबर को होंगे और परिणाम की घोषणा आठ दिसंबर को की जाएगी।
मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी पूर्व सांसद श्रीमती डिम्पल यादव जी ने कहा है कि मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव नेताजी और जनता का है। आज महंगाई चरम पर है। https://t.co/rZfsD4yuSgpic.twitter.com/s9ELNsPqdw
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) November 16, 2022
सपा के चुनाव प्रचारकों की सूची में शिवपाल सिंह यादव के अलावा, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, मोहम्मद आजम खान, जया बच्चन और अन्य शामिल हैं। इससे पूर्व, 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान सपा की चुनाव प्रचारकों की सूची में शिवपाल का नाम शामिल नहीं था। सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव 2012 और 2014 में कन्नौज सीट से सांसद थीं।
डिंपल की उम्मीदवारी और सपा के चुनाव प्रचारकों की सूची में शिवपाल का नाम शामिल किए जाने पर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। मैनपुरी उप चुनाव में मुलायम के छोटे भाई शिवपाल की भूमिका को लेकर राजनीतिक गलियारों में खासी चर्चा है।
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सपा संस्थापक की विरासत को बचाए रखने के लिए मैनपुरी लोकसभा सीट से डिंपल यादव की उम्मीदवारी की घोषणा के तुरंत बाद पार्टी ने इस सीट पर बड़ी जीत सुनिश्चित करने के लिए तैयारियों शुरू कर दी हैं। इस सीट पर 1996 से ही सपा का उम्मीदवार निर्वाचित होता रहा है।
रालोद उम्मीदवार मदन भैया ने खतौली विधानसभा उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया
राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के उम्मीदवार मदन भैया ने उत्तर प्रदेश की खतौली विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए बुधवार को यहां अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। मदन भैया ने इस सीट पर पांच दिसंबर को होने वाले उपचुनाव के वास्ते रालोद और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेताओं के साथ पर्चा दाखिल करने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे।
मदन भैया को रालोद-सपा गठबंधन के उम्मीदवार घोषित किया गया था। उन्होंने पर्चा दाखिल करने के बाद पत्रकारों से कहा कि वह किसानों, गन्ना बकाया, बेरोजगारी और अल्पसंख्यकों से जुड़े मुद्दों को लेकर उपचुनाव लड़ेंगे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक वरिष्ठ नेता ने यहां बताया कि खतौली सीट से विक्रम सैनी की पत्नी एवं पार्टी उम्मीदवार राजकुमारी सैनी बृहस्पतिवार को अपना पर्चा दाखिल कर सकती हैं। मदन भैया ने आरोप लगाया कि भाजपा बेरोजगारी, आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि, किसानों की समस्याओं सहित अन्य मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।
मदन भैया की उम्मीदवारी की घोषणा रविवार को रालोद के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से की गई थी। मदन भैया, विभिन्न राजनीतिक दलों से चार बार उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य रहे। 1991-1993 जनता पार्टी से, 1993-1996 समाजवादी पार्टी से, 2002-2007 निर्दलीय और 2007-2012 रालोद से।
उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत में, 1989 में जेल में रहते हुए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खेकड़ा निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। वह 1991 में उसी विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा के सदस्य के रूप में चुने गए, उस समय भी वह जेल में थे। बाद में, मदन भैया 2012 में गाजियाबाद के लोनी से बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार से चुनाव हार गए।
वहीं 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार नंद किशोर गुर्जर से हार गए। खतौली विधानसभा सीट पर उपचुनाव भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी को वर्ष 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों के मामले में दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द होने के कारण कराया जा रहा है।