महाराष्ट्र: शिवसेना-बीजेपी में तल्खी बढ़ी, संजय राउत ने कहा, 'सत्ता में आने के लिए दी जा रही राष्ट्रपति शासन की धमकी'
By अभिषेक पाण्डेय | Published: November 2, 2019 11:53 AM2019-11-02T11:53:21+5:302019-11-02T11:53:21+5:30
BJP-Shiv Sena: बीजेपी के महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की धमकी के बाद शिवसेना ने कहा है कि वह जल्दी ही वेट ऐंड वॉट की नीति छोड़ देगी
महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ जारी शह-मात के खेल के बीच शनिवार को शिवसेना ने अपने हमले और तीखे करते हुए कहा कि बीजेपी मंत्री सुधीर मुनगंटीवार का राष्ट्रपति शासन का बयान राज्य के लोगों और जनादेश का अपमान है।
शिवसेना ने साथ ही बीजेपी को चेताते हुए कहा कि वह जल्द ही अपनी वेट ऐंड वॉच की नीति छोड़ देगी।
इससे पहले शुक्रवार को फड़नवीस सरकार में वित्त मंत्री और बीजेपी नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा था कि अगर महाराष्ट्र में 7 नवंबर तक नई सरकार का गठन नहीं हुआ तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लग सकता है।
वेट ऐंड वॉच की नीति जल्द छोड़ देगी शिवसेना: राउत
बीजेपी नेता के इस बयान पर संजय राउत ने कहा है कि उनकी पार्टी जल्दी ही 'देखो और इंतजार' करों की नीति छोड़ देगी।
राउत ने कहा, 'राष्ट्रपति शासन की धमकी सत्ता में आने के लिए दी गई है। राष्ट्रपति शासन की धमकी से कोई सत्ता में कैसे आ सकता है?' उन्होंने कहा, 'क्या ये धमकी सत्ता में आने की सभी कोशिशें बेकार होने के बाद दी गई है।'
राउत ने कहा, 'हमने गठबंधन में चुनाव लड़ा था। आखिर कब तक गठबंधन धर्म का पालन करेंगे।'
सामना में भी शिवसेना का बीजेपी पर तीखा हमला
बीजेपी के 50: 50 फॉर्मले की मांग स्वीकार न करने और राष्ट्रपति शासन के बयान से नाराज शिवसेना ने शनिवार को अपने मुखपत्र सामना में भी बीजेपी पर जमकर हमला बोला। शिवसेना ने लिखा है, 'मुनगंटीवार का बयान उनके दिमाग और बीजेपी में पनप चल रही विषाक्तता का प्रमाण है।'
शनिवार को शिवसेना के मुखपत्र सामना में 'क्या राष्ट्रपति आपकी जेब में हैं? शीर्षक से प्रकाशित आर्टिकल में लिखा गया है, राष्ट्रपति शासन की बात करना महाराष्ट्र की जनता और जनादेश का अपमान है।'
इसमें आगे लिखा गया है, 'क्या राष्ट्रपति आपके (बीजेपी) नियंत्रण में हैं या राष्ट्रपति की मुहर बीजेपी ऑफिस में है, जिसे पार्टी द्वारा राज्य में सरकार बनाने में असफल होने पर प्रयोग किया जाएगा और उससे महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है?'
24 अक्टूबर को आए 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधासनसभा चुनावों के नतीजों में बीजेपी को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिली हैं। लेकिन शिवसेना के ढाई-ढाई साल सीएम पद की मांग पर अड़ने से दोनों के बीच बातचीत किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है।