महाराष्ट्र: एनसीपी को मिली डेडलाइन खत्म होने से पहले ही क्यों लगा राष्ट्रपति शासन, गृह मंत्रालय ने दिया जवाब

By अभिषेक पाण्डेय | Published: November 13, 2019 01:24 PM2019-11-13T13:24:17+5:302019-11-13T13:24:17+5:30

President Rule: महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने के एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस की आलोचनाओं का गृह मंत्रालय ने दिया जवाब

Maharashtra: Why President Rule imposed even before Expiry of NCP Deadline, MHA gives reply | महाराष्ट्र: एनसीपी को मिली डेडलाइन खत्म होने से पहले ही क्यों लगा राष्ट्रपति शासन, गृह मंत्रालय ने दिया जवाब

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने को लेकर हो रही राज्यपाल की आलोचना का गृह मंत्रालय ने दिया जवाब

Highlightsमहाराष्ट्र में राज्यपाल की सिफारिश के बाद मंगलवार को लगा था राष्ट्रपति शासनमहाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने के राज्यपाल के फैसले की कांग्रेस, एनसीपी ने की थी आलोचना

महाराष्ट्र में चुनाव नतीजे आने के एक पखवाड़े बाद भी किसी दल के सरकार बनाने में सफल न हो पाने के बाद मंगलवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की सिफारिश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने को मंजूरी दे दी। 

इस मामले की पुष्टि करते हुए गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, 'संविधान के अनुच्छेद 356 (1) के तहत उद्घोषणा, जिससे महाराष्ट्र राज्य के संबंध में राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है और राज्य विधानसभा को निलंबित एनीमेशन के तहत रखा जाता है।'

राज्यपाल ने की थी राष्ट्रपति शासन की सिफारिश 

राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला राज्यपाल द्वारा ये रिपोर्ट भेजने का बाद लिया गया कि महाराष्ट्र में कोई भी दल या गठबंधन स्थाई सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है।

नेटवर्क 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, 'गृह मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा, राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने सरकार गठन के लिए सभी प्रयास कर लिए हैं। राज्यपाल इस बात से सहमत हैं कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है कि राज्य में कोई भी स्थाई सरकार गठित नहीं हो सकती है।'

शिवसेना, एनसीपी, कांग्रेस ने की थी राज्यपाल के फैसले की आलोचना

शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने राज्यपाल के इस कदम की इस आधार पर आलोचना की और आरोप लगाया कि जब एनसीपी को अपना संख्या बल साबित करने के लिए रात 8.30 बजे तक का समय दिया गया था, तो राज्यपाल ने बीजेपी के इशारे पर बंदूक चला दी।

इस रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस सांसद और सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, राष्ट्रपति शासन आखिरी कदम होना चाहिए। इस बात में बड़ा अंतर है कि पार्टी कह रही है, 'नही मैं सरकार नहीं बना सकती', और एक पार्टी कह रही है, 'हां, मैं बना सकती हूं लेकिन मुझे और समय चाहिए।' 

इस आलोचना को खारिज करते हुए गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि कोश्यारी ने राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करने का फैसला मंगलवार सुबह 11.30 बजे एनीसपी नेताओं द्वारा अपना संख्या बल साबित करने के लिए तीन दिन का समय और मांगे जाने के बाद लिया। 

प्रवक्ता ने कहा कि राज्यपाल की सिफारिश मंगलवार को दोपहर में मिली जिसके बाद केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई और राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की गई। 

गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि राज्यपाल की राष्ट्रपति शासन की सिफारिश  उनसे सिर्फ इस आकलन पर आधारित थी कि, किसी भी दल या गठबंधन के पास सरकार बनाने के लिए बहुमत नहीं है।'

इस अधिकारी ने कहा, 'राज्यपाल इस बात से संतुष्ट हैं कि राज्य का शानस संविधान के प्रावधानों के हिसाब से नहीं चलाया जा सकता है।' कोई भी विकल्प न बचने के बाद राज्यपाल ने संविधान के आर्टिकल 356 के तहत रिपोर्ट भेजी। किसी भी पार्टी के बहुमत साबित करने पर राष्ट्रपति शासन की समीक्षा की जा सकती है।'

Web Title: Maharashtra: Why President Rule imposed even before Expiry of NCP Deadline, MHA gives reply

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