महाराष्ट्र: शिवसेना विधायक दल की बैठक कल, आदित्य ठाकरे को चुना जा सकता है नेता
By अभिषेक पाण्डेय | Published: October 30, 2019 02:38 PM2019-10-30T14:38:54+5:302019-10-30T14:38:54+5:30
Shiv Sena: शिवसेना विधायक दल की बैठक गुरुवार को मुंबई में होगी, जिसमें आदित्य ठाकरे को नेता चुना जा सकता है, महाराष्ट्र में नई सरकार को लेकर बीजेपी के साथ जारी है उठापठक
महाराष्ट्र में नई सरकार गठन को लेकर जारी बीजेपी के साथ जारी उठापठक के बीच शिवसेना गुरुवार को मुंबई में अपने विधायक दल की बैठक करेगी, जिसमें उद्धव ठाकरे को विधायक दल का नेता चुना जा सकता है।
शिवसेना वर्ली से चुनाव जीतने वाले 29 वर्षीय आदित्य ठाकरे को सीएम बनाना चाहती है। महाराष्ट्र में शिवसेना बीजेपी के साथ नई सरकार गठन के लिए ढाई-ढाई साल के सीएम पद की मांग को लेकर अड़ी है।
Shiv Sena to have a legislative party meeting tomorrow, at the party headquarters in Mumbai. #MaharashtraAssemblyPollspic.twitter.com/Gn1LJBAKZk
— ANI (@ANI) October 30, 2019
बीजेपी-शिवसेना के बीच नई सरकार को लेकर फंसा है पेंच
लेकिन बीजेपी ने शिवसेना के इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज करते हुए कह दिया है कि उसने शिवसेना से कभी ऐसा कोई वादा नहीं किया था और महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व में ही पांच सालों के लिए नई सरकार बनेगी, जिसके मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ही होंगे।
मंगलवार को देवेंद्र फड़नवीस ने कहा था, 'लोकसभा चुनावों के समय, शिवसेना ने 2.5 साल के रोटेशनल मुख्यमंत्री का प्रस्ताव रखा था, लेकिन इस पर मेरे सामने कोई फैसला नहीं लिया गया।
इस बारे में अगर अमित शाह और उद्धव ठाकरे के बीच कोई चर्चा हुई थी, तो इस बारे में केवल उन्हें ही पता है और केवल वही इस बारे में फैसला ले सकते हैं।'
इस पर शिवसेना ने बीजेपी पर सच से मुकरने का आरोप लगाते हुए अपना वादा पूरा करने की बात कही थी। मंगलवार को ही फड़नवीस ने 15 निर्दलीय विधायकों के समर्थन का दावा किया था। बुधवार को बीजेपी को जन सुराज्य शक्ति पार्टी के नेता और कोल्हापुर से विधायक विनय कोरे का भी समर्थन मिल गया।
माना जा रहा है कि शिवसेना से बात नहीं बनने की स्थिति में बीजेपी अकेले ही सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। 2014 में भी 122 सीटें जीतने वाली बीजेपी ने अकेले ही सरकार बनाने का दावा पेश किया था और शुरुआत में इनकार के बाद विश्वासमत के दौरान आखिरकार 63 सीटें जीतने वाली शिवसेना ने उसका समर्थन कर दिया था।