महाराष्ट्रः शिवसेना ने अपने विधायकों के लिये 15 नवंबर तक मांगी पुलिस सुरक्षा, मुंबई पुलिस करेगी देख-रेख
By भाषा | Published: November 8, 2019 05:54 PM2019-11-08T17:54:20+5:302019-11-08T17:54:20+5:30
महाराष्ट्रः शिवसेना के पास 56 विधायक हैं, जिनमें 21 अक्टूबर को हुए चुनाव में मध्य मुंबई की वर्ली सीट से जीत हासिल करने वाले पार्टी के युवा नेता आदित्य ठाकरे भी शामिल हैं।
शिवसेना ने अपने नव-निर्वाचित विधायकों के लिए पुलिस की सुरक्षा मांगी है। पार्टी अपने विधायकों को 15 नवंबर तक के लिये एक रिजॉर्ट में भेजा है। शिवसेना के सचिव मिलिंद नारवेकर ने मुंबई पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर पार्टी के विधायकों को 15 नवंबर तक जरूरी सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है। नावरेकर ने पत्र में लिखा कि सभी विधायकों को उपनगरीय मलाड में 'रिट्रीट होटल' में ठहराया जाएगा।
नावरेकर ने कहा, "शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भविष्य के फैसलों के लिये समय समय पर विधायकों से मिलते रहेंगे। हम आपसे जरूरी सुरक्षा इंतजामों का अनुरोध करते हैं।’’ पुलिस के एक अधिकारी ने पत्र मिलने की पुष्टि की। अधिकारी ने कहा, "हमें शिवसेना की ओर से पत्र मिला है और मुंबई पुलिस उनके विधायकों की सुरक्षा की देख-रेख करेगी।"
शिवसेना के पास 56 विधायक हैं, जिनमें 21 अक्टूबर को हुए चुनाव में मध्य मुंबई की वर्ली सीट से जीत हासिल करने वाले पार्टी के युवा नेता आदित्य ठाकरे भी शामिल हैं। गौरतलब है कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के 24 अक्टूबर को घोषित चुनाव नतीजों में कोई भी पार्टी अपने दम पर 145 सीटों के बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाई।
भाजपा और शिवसेना, दोनों के पास गठबंधन कर अगली सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीटें हैं लेकिन सत्ता में बराबर की साझेदारी खासकर मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों के बीच खींचतान जारी है। शिवसेना का दावा है कि दोनों पार्टियों ने लोकसभा चुनाव से पहले फरवरी में तय किया था कि राज्य में पदों की बराबर साझेदारी होगी।
पार्टी के अनुसार, भाजपा ने मुख्यमंत्री पद सहयोगी दल के साथ साझा करने की व्यवस्था का पालन नहीं किया है। महाराष्ट्र में 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से सरकार गठन को लेकर गतिरोध की स्थिति लगातार बनी हुई है। भाजपा ने ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री का पद साझा करने की शिवसेना की मांग को खारिज कर दिया है।
महाराष्ट्र में 288 सीटों के लिये 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा और शिवसेना गठबंधन को 161 सीटें मिली थीं जो सरकार बनाने के लिये जरूरी 145 के आंकड़े से ज्यादा है, लेकिन मुख्यमंत्री किस पार्टी का होगा इसे लेकर जारी गतिरोध के चलते अब तक नयी सरकार का गठन नहीं हुआ है। चुनावों में भाजपा के खाते में 105 सीटें आई हैं। शिवसेना को 56, राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं।