महाराष्ट्र में शिवसेना की मांग बीजेपी की मुश्किल बढ़ा सकती है। शिवसेना ने दरअसल साफ कर दिया है कि वह 50-50 के फॉर्मूल पर अड़ी हुई है और दोनों ही पार्टियों को ढाई-ढाई साल सरकार चलाने का मौका मिलना चाहिए। इस बीच मुंबई में उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री के बाहर एक पोस्टर भी लगाया गया है जिसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के लिए आदित्य ठाकरे का समर्थन जताने की बात लिखी गई है।
शिवसेना अपनी मांग पर अड़ी
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार शिवसेना के प्रताप सरनैक ने शनिवार को पत्रकारों से कहा, 'हमारी बैठक में ये फैसला हुआ कि जैसा अमित शाह ने 50-50 का फॉर्मूला लोकसभा चुनाव से पहले दिया था, हम उसके साथ जाएंगे। दोनों सहयोगी पार्टियों को सरकार चलाने के लिए ढाई-ढाई साल का मौका मिलना चाहिए। इसलिए शिवसेना का भी मुख्यमंत्री बनना चाहिए। बीजेपी की ओर से लिखित में इस बात का आश्वासन उद्धव ठाकरे को दिया जाना चाहिए।'
महाराष्ट्र विधानसभा की 288 में से 161 सीटें जीतने के साथ बीजेपी-शिवसेना ने बहुमत के लिये जरूरी आंकड़ा आसानी से पार कर लिया है। हालांकि बीजेपी की मुश्किल ये है कि वह शिवसेना पर ज्यादा निर्भर है। बीजेपी ने 2014 के विधानसभा चुनाव में 122 सीटें जीती थी लेकिन इस बार उसके खाते में सिर्फ 105 सीटें आई हैं।
शिवसेना की सीटों का आंकड़ा भी पिछली बार के मुकाबले 63 से घटकर 56 हुआ है। ऐसे में उसकी भूमिका एक मजबूत सरकार के लिए महत्वपूर्ण है। उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को ही नतीजे आने के साथ बीजेपी को लोकसभा चुनावों से पहले शाह के साथ बैठक में तय फॉर्मूले की याद दिलाई और कहा कि उन्होंने राज्य में गठबंधन के लिये 50-50 के फॉर्मूले का फैसला लिया था।
इन सभी के बीच कांग्रेस की ओर से आये बयान भी महाराष्ट्र के राजनीतिक समीकरण को दिलचस्प बना दिया है। कांग्रेस की ओर से कहा जा चुका है कि अगर शिवसेना की ओर से कोई प्रस्ताव आता है तो वह दिल्ली में अपने नेताओं से बात करेगी। बता दें कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और एनसीपी ने एक साथ चुनाव लड़ा था। कांग्रेस के खाते में 44 जबकि एनसीपी के खाते में 54 सीटें आई हैं।