महाराष्ट्र: शिवसेना की 50-50 की जिद: अगले महीने तक खिंच सकता है शपथ ग्रहण!
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: October 26, 2019 08:23 AM2019-10-26T08:23:44+5:302019-10-26T08:23:44+5:30
Maharashtra: शिवसेना के 50: 50 फॉर्मूले पर अड़ने से महाराष्ट्र में सरकार गठन में देरी हो सकती है, बीजेपी आदित्य ठाकरे को सीएम नहीं बल्कि उपमुख्यमंत्री का पद देना चाहती है
यदु जोशी, मुंबई: शिवसेना के मुख्यमंत्री पद सबित मंत्रिमंडल में भी फिफ्टी-फिफ्टी का राग अलापने से महायुति में तनाव की स्थिति बन गई है। इसका हल जल्द निकने के आसार भी दिखाई नहीं दे रहे हैं। इससे देवेंद्र फड़नवीस सरकार का शपथ ग्रहण नवंबर के पहले हफ्ते तक खिंचने की संभावना है।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि हमारा फिफ्टी-फिफ्टी का फॉर्मूला पहले से ही तय है। सूत्रों का कहना है कि ढाई वर्ष के मुख्यमंत्री पद के लिए शिवसेना अड़ सकती है। इसके अलावा वह मुख्यमंत्री पद नहीं देने की स्थिति में 1995 की युति के फॉर्मूले के अनुसार भाजपा के पास वाले विभागों की मांग कर सकती है। उस समय उपमुख्यमंत्री, गृह, जलसंपदा, सार्वजनिक निर्माण, ग्रामविकास, अन्न व नागरी आपूर्ती आदि महत्वपूर्ण विभाग भाजपा के पास थे।
आदित्य ठाकरे को उपमुख्यमंत्री पद देना चाहती है बीजेपी
भाजपा की शिवसेना को उपमुख्यमंत्री पद देने की तैयारी है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने चुनाव पूर्व कहा था कि युवासेना प्रमुख आदित्य ठाकरे को उपमुख्यमंत्री पद देने की हमारी तैयारी है। आदित्य उपमुख्यमंत्री पद लें या नहीं, इस पर शिवसेना में अब तक एक राय नहीं बन पाई है। भाजपा की ओर से उपमुख्यमंत्री पद के अलावा राजस्व, सार्वजनिक निर्माण विभाग सहित दो-तीन महत्वपूर्ण विभाग और दो-तीन ज्यादा मंत्री पद शिवसेना को देने की तैयारी दर्शाई जा सकती है।
सत्ता में भागीदारी को लेकर दोनों ही पार्टियों की जल्द बैठक होने वाली है। जरुरत पड़ी तो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह मुंबई आ सकते हैं। लेकिन सत्ता में भागीदारी का हल दिवाली के बाद ही निकल सकेगा। इसलिए फड़नवीस सरकार का शपथ ग्रेण नवंबर के पहले सप्ताह में या उसके बाद ही हो सकेगा।
1 से 3 नंवबर के बीच बीजेपी विधायक दल की बैठक होगी। उसमें फड़नवीस को नेता चुना जाएगा।
शिवसेना की धौंस के बाद नए समीकरण की अटकलें
विधानसभा चुनाव परिणाम के एक दिन बाद शिवसेना अपने पुराने रुख पर लौट आई है और भाजपा पर धौंस जमाने की कोशिश करते हुए कहा कि राज्य में कोई महाजनादेश नहीं है। यह परिणाम उन लोगों के लिए सबक है, जो सत्ता के घमंड में चूर थे। भाजपा की सीटें घटने से सत्ता गठन को लेकर दोनों सहयोगी दलों में रस्साकशी तेज हो गई है।
उद्धव ठाकरे दोहरा चुके हैं 50-50 फॉर्मूले की बात
उद्धव ठाकरे पहले ही कह चुके हैं कि सरकार का गठन 50-50 फॉर्मूले के आधार पर होगा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के 200 पार के नारे को खारिज करते हुए भाजपा को जमकर खरीखोटी सुनाई है। शिवसेना ने सुर बदलते हुए राज्य में नए समीकरणों की ओर भी इशारा किया है। जिसके बाद राजनीतिक हलकों में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के बीच गठबधंन सरकार बनाने की भी अटकलें लगाई जाने लगी। हालांकि अब तक भाजपा ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
शनिवार को शिवसेना की बैठक: शिवसेना के विधायकों की बैठक शनिवार दोपहर में होगी। बैठक में उद्धव ठाकरे सरकार के गठन पर चर्चा करेंगे। शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे को सीएम बनाना चाहती है।