महाराष्ट्र: संजय राउत का अटल की पंक्तियों से बीजेपी पर निशाना, 'चुनौतियों से भागना नहीं, जूझना जरूरी'
By अभिषेक पाण्डेय | Published: November 8, 2019 09:48 AM2019-11-08T09:48:04+5:302019-11-08T09:48:04+5:30
Sanjay Raut: शिवसेना नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी गतिरोध के बीच बीजेपी पर साधा निशाना
महाराष्ट्र में नई सरकार गठन की समयसीमा में महज कुछ घंटे बाकी हैं, लेकिन अब तक इसे लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में दो सबसे बड़ी पार्टियां बनकर उभरी बीजेपी और शिवसेना के बीच सीएम पद को लेकर सहमति न बन पाने से सरकार गठन को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई।
बीजेपी के साथ सरकार गठन को लेकर जारी खींचतान के बीच अब तक इस मामले पर आक्रामक रुख अख्तियार करने वाले शिवसेना नेता संजय राउत ने शुक्रवार को भी एक ऐसा ट्वीट किया, जिससे माना जा रहा है कि शिवसेना अपने ढाई-ढाई साल सीएम पद की मांग से पीछे हटने के मूड में नहीं हैं।
अटल की लाइनों से बीजेपी पर साधा निशाना
राउत ने अटल बिहारी वाजपेयी की लाइनों को ट्वीट करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा और इसमें लिखा है, आइए, अर्जुन की तरह उद्घोष करें: ‘‘न दैन्यं न पलायनम्।’’- अटल बिहारी वाजपेयी
(गीता का संदेश- *न दैन्यं न पलायनम्* अर्थात कोई दीनता नहीं चाहिए , चुनौतियों से भागना नहीं , बल्कि जूझना जरूरी है।)
आग्नेय परीक्षा की
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) November 8, 2019
इस घड़ी में-
आइए, अर्जुन की तरह
उद्घोष करें :
‘‘न दैन्यं न पलायनम्।’’
- अटल बिहारी वाजपेयी
(गीता का संदेश- *न दैन्यं न पलायनम्* अर्थात कोई दीनता नहीं चाहिए , चुनौतियों से भागना नहीं , बल्कि जूझना जरूरी है)
राउत ने दुष्यंत कुमार की लाइनों से भी साधा था बीजेपी पर निशाना!
राउत ने इससे पहले भी महाराष्ट्र की स्थिति को लेकर कवि दुष्यंत कुमार की लाइनों को ट्वीट करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा था। राउत सीएम पद को लेकर शुरू से ही आक्रामक रहे हैं और उन्होंने बार-बार कहा है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री शिवसेना से ही होगा।
महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर को समाप्त हो रहा है। ऐसे में अब सबकी नजरें राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर टिक गई हैं। राज्यपाल को विधानसभा कार्यकाल पूरा होने के पहले तक सबसे बड़े दल को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करना होता है। राज्य में किसी भी सरकार का गठन न होने की स्थिति में राज्यपाल राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं।