महाराष्ट्र: बीजेपी के साथ गतिरोध के बीच कृषि संकट से जुड़े बैठक में शामिल हुए शिवसेना के मंत्री, बाहर निकलकर कही ये बात
By विनीत कुमार | Published: November 6, 2019 03:07 PM2019-11-06T15:07:21+5:302019-11-06T15:07:21+5:30
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद शिवसेना ने बीजेपी को पुराने वादे की याद दिलाते हुए 50-50 फॉर्मूले की बात कही थी। यहीं से दोनों पार्टियों में गतिरोध शुरू हो गया।
महाराष्ट्र में नई सरकार बनाने को लेकर बीजेपी के साथ गतिरोध के बीच शिवसेना नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रामदास कदम ने कहा है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की अध्यक्षता में हुई बैठक में किसानों के लिए मुआवजे की मांग की गई है। बैठक खत्म होने के बाद बाहर आये रामदास कदम ने पत्रकारों से कहा कि वे इसलिए इस बैठक में शामिल हुए ताकि कल ये न कहा जाए कि किसानों से जुड़ी समस्या पर चर्चा के दौरान शिवसेना नहीं आई।
दक्षिणी मुंबई स्थित सहयाद्रि राज्य अतिथिगृह में बुलाई गई बैठक में शिवसेना नेता रामदास कदम और एकनाथ शिंदे ने हिस्सा लिया। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही राज्य में नई सरकार बनाने को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच गतिरोध बरकरार है।
कृषि संकट के मुद्दे पर बैठक में शामिल हुई शिवसेना
महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसे लेकर संशय बरकरार है। इस बीच बुधवार को देवेंद्र फड़नवीस की अध्यक्षता में मंत्रियों की बैठक हुई। इसमें शिवसेना के रामदास कदम सहित एकनाथ शिंदे ने भी हिस्सा लिया। बैठक के बाद रामदास कदम ने कहा, 'यह बैठक किसानों के मुद्दे को लेकर थी। कल ये मुद्दा नहीं बनना चाहिए कि शिवसेना किसानों से जुड़े मुद्दे पर चर्चा के लिए नहीं आई। इसलिए हमने मीटिंग में हिस्सा लिया। हमने किसानों के लिए तत्काल 25,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजे की भी मांग रखी है।'
Ramdas Kadam, Shiv Sena: This meeting was regarding farmers' issues. Tomorrow it should not be the issue that Shiv Sena did not come for farmers problems, so we attended this meeting. We demanded that Rs 25,000 per acre compensation should be given to farmers immediately. https://t.co/xjhfWjRMu3pic.twitter.com/adLfwTSMck
— ANI (@ANI) November 6, 2019
बता दें कि विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद शिवसेना ने बीजेपी को पुराने वादे की याद दिलाते हुए 50-50 फॉर्मूले की बात कही थी। यहीं से दोनों पार्टियों में गतिरोध शुरू हो गया। शिवसेना दोनों पार्टियों को ढाई-ढाई साल सरकार चलाने का मौके देने की बात कहती रही है। वहीं, बीजेपी मुख्यमंत्री पद को लेकर समझौते के मूड में नहीं है।
इस बीच शिवसेना के एनसीपी नेता शरद पवार से कई चरणों में बात ने राज्य में राजनीतिक समीकरण को और उलझा दिया है। हालांकि, शरद पवार कई दफा ये कह चुके हैं कि उनकी पार्टी और कांग्रेस विपक्ष में बैठेगी क्योंकि जनादेश ऐसा ही मिला है लेकिन बीच-बीच में दूसरे नेताओं के बयान ने संशय को बरकरार रखा है। शरद पवार भी कह चुके हैं कि उन्हें नहीं पता कि अगले कुछ दिनों में क्या होगा।
24 अक्टूबर को आये विधानसभा चुनाव के नतीजों में भाजपा-शिवसेना गठबंधन को 161 सीटें मिलीं जो 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के आंकड़े 145 से कहीं अधिक है। भाजपा को 105 सीटें, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं।