महाराष्ट्र राजनीतिक संकट: शिवसेना ने RSS प्रमुख मोहन भागवत, नितिन गडकरी से की हस्तक्षेप की मांग
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 6, 2019 08:02 AM2019-11-06T08:02:33+5:302019-11-06T08:02:33+5:30
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के सलाहकार किशोर तिवारी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत को भी खत लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है.
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर भाजपा और शिवसेना में चल रही तनातनी कम होने का नाम नहीं ले रही है. इस बीच शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता ने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से अनुरोध किया है कि वे भाजपा और शिवसेना के बीच तनाव कम करने के लिए कदम उठाएं.
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के सलाहकार किशोर तिवारी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत को भी खत लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है. तिवारी ने कहा कि हमने भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को शिवसेना से बातचीत का जिम्मा सौंपने का अनुरोध किया है.
उन्होंने कहा, हमें भरोसा है कि वे न सिर्फ गठबंधन धर्म का सम्मान करेंगे, बल्कि दो घंटे के भीतर स्थिति को भी सुलझा लेंगे उन्होंने दावा किया कि यह रु कावट पार कर ली जाए तो शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को पहले 30 महीने के लिए मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. फिर बचे हुए कार्यकाल के लिए भाजपा फैसला कर सकती है कि उसे मुख्यमंत्री पद पर किसे नामित करना है.
मुनगंटीवार बोले : जल्द मिलेगी 'अच्छी खबर'
वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि दीपावली की वजह से बातचीत नहीं हो पाई थी और यदि शिवसेना को हमारा प्रस्ताव नहीं मिला हो, तो हम उन्हें फिर से प्रस्ताव देते हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या 'मुख्यमंत्री पद के बंटवारे' पर चर्चा होगी, तो उन्होंने कहा, ''पहले चर्चा होनी चाहिए. हर पहलू पर बात हो सकती है.'' मुनगंटीवार ने दावा किया कि किसी भी समय 'अच्छी खबर' मिल सकती है.
संघ मुख्यालय में बंद द्वार चर्चा, सरकार गठन, सुरक्षा पर मंथन
शिवसेना के मुख्यमंत्री पद पर अड़ने की वजह से प्रदेश में सरकार के गठन में फंसे पेंच के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने मंगलवार रात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय पहुंचकर सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत से चर्चा की. उन्होंने इस दौरान राज्य के राजनीतिक हालात एवं अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के अपेक्षित फैसले को लेकर की गई सुरक्षा बंदोबस्त पर चर्चा की.
सरकार के गठन को लेकर आरंभ उठापटक से समय निकालकर मुख्यमंत्री रात 9 बजे शहर के डॉ. बाबासाहब आंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय विमानतल से सीधे संघ मुख्यालय के लिए रवाना हुए. रात साढ़े नौ बजे उन्होंने डॉ. मोहन भागवत से मुलाकात कर उन्हें राज्य की राजनीतिक परिस्थिति से अवगत कराया. बैठक को लेकर आधिकारिक रूप से कोई बोलने को तैयार नहीं है. लेकिन सूत्रों का दावा है कि आधे घंटे चली इस चर्चा में सरकार के गठन के पर्याय पर मंथन हुआ.
मुख्यमंत्री ने बैठक को लेकर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. सूत्रों के अनुसार शिवसेना की भूमिका, सरकार स्थापना में अड़चनें और भविष्य की दिक्कतों पर चर्चा हुई. इसके साथ ही अयोध्या के राम मंदिर पर जल्द अपेक्षित सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर भी बातचीत हुई. सूत्रों का दावा है कि मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि राज्य में शांति को कायम रखने की दिशा में क्या- क्या पहल की जा रही है. उधर कयास लगाए जा रहे हैं कि इस मुलाकात के बाद सरकार के गठन की अड़चनें दूर होंगी. उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा को अपेक्षित जगह नहीं मिली.
इसके बाद शिवसेना सरकार में फिफ्टी-फिफ्टी की हिस्सेदारी एवं ढाई वर्ष के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग को लेकर अड़ गई. शिवसेना की ओर से भाजपा पर दबाव डाला जा रहा है. दूसरी ओर राकांपा एवं कांग्रेस भी हालात को और गंभीर करने के लिए बयानबाजी कर रहे हैं. ऐसे में चर्चा हो रही है कि मुख्यमंत्री किस दल का होगा.