केंद्र की ताल पर नाच रहे हैं बागी विधायक, 'सामना' में शिवसेना ने साधा निशाना- केंद्र ने सुरक्षा देकर बंदी बनाया
By अनिल शर्मा | Published: June 27, 2022 09:19 AM2022-06-27T09:19:40+5:302022-06-27T09:23:57+5:30
सामना में शिवसेना ने बागी विधायकों के 50-50 करोड़ रुपये में बिकने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि शिवसेना विधायकों को गुवाहाटी में सरकार की केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा बंदी बनाया गया है।
मुंबईः शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में महाराष्ट्र में आई राजनीतिक संकट को लेकर पार्टी के बागी विधायकों और भाजपा पर हमला बोला है। शिवसेना ने सामना के संपादकीय में कहा कि भाजपा बेपर्दो हो गई है। वह (भाजपा) कह रही थी कि शिवसेना विधायकों की बगावत उनका अंदरूनी मामला है फिर सूरत में देवेंद्र फड़नवीस और केंद्रीय मंत्री अमित शाह बैठक में क्यों मौजूद थे। इसके तुरंत बाद केंद्र सरकार द्वारा बागी विधायकों को 'वाई' ग्रेड विशेष सुरक्षा प्रदान कर दिया गया।
50 करोड़ में बिके हैं बागी विधायक
सामना में शिवसेना ने बागी विधायकों के 50-50 करोड़ रुपये में बिकने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि शिवसेना विधायकों को गुवाहाटी में सरकार की केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा बंदी बनाया गया है। उन्हें (भाजपा) डर है कि विधयाक मुंबई आए तो वे फिर से वापस लौट आएंगे। शिवसेना ने राज्य के अधिकारों में हस्तक्षेप का आरोप लगाते हुए कहा कि बागी विधायक केंद्र की ताल पर नाच रहे हैं। शिवसेना ने बागी विधायकों के लिए नचनियां शब्द का इस्तेमाल किया है।
शिवसेना ने सामना में कहा है कि बागी विधायक भाजपा की ताल पर नाच रहे हैं
शिवसेना नेकहा कि ये सभी 'नृत्य' समूह गुवाहाटी के एक पांच सितारा होटल में पूरे देश और दुनिया के सामने अपनी देशद्रोह का प्रदर्शन कर रहे हैं। अब इस बात का खुलासा हो गया है कि इस नाटक के प्रस्तुतकर्ता और निर्देशक कौन हैं। यह कोई रहस्य नहीं है कि केंद्र और महाराष्ट्र में केवल भाजपा ही है जो इन नृत्यों की शौकीन है।
15 विधायकों को वाई प्लस सुरक्षा राज्य सरकार के अधिकारों में सीधा हस्तक्षेपः शिवसेना
शिवसेना ने कहा कि भाजपा सिर्फ दिखावा कर रही है कि उनका मौजूदा सिसायी संकट से कोई लेना-देना नहीं है। शिवसेना ने 15 बागी विधायकों को 'वाई प्लस' सुरक्षा देने पर भी सवाल उठाए हैं। कहा कि यह राज्य सरकार के अधिकारों में सीधा हस्तक्षेप है। न केवल महाराष्ट्र में बल्कि पश्चिम बंगाल, झारखंड, पंजाब और दिल्ली जैसे गैर-भाजपा शासित राज्यों में भी केंद्र की भाजपा सरकार हमेशा इस तरह से हस्तक्षेप करती रही है।