महाराष्ट्र राजनीतिक संकट: शिवसेना को समर्थन पर कांग्रेस में मतभेद
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 7, 2019 09:03 AM2019-11-07T09:03:28+5:302019-11-07T09:03:28+5:30
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नितिन राऊत शिवसेना के विरोध में हैं.
भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए शिवसेना को कांग्रेस, राकांपा द्वारा समर्थन देने के पर्याय पर खूब चर्चा हो रही है. बहरहाल कांग्रेस में शिवसेना को समर्थन देने के मुद्दे पर मतभेद उभर कर सामने आए हैं. पार्टी के प्रदेश कार्याध्यक्ष नितिन राऊत ने स्पष्ट किया है कि कांग्रेस का कोई भी विधायक शिवसेना के साथ जाने को इच्छुक नहीं है.
उधर विधानसभा में नेता विपक्ष विजय वडेट्टीवार ने भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए शिवसेना को सशर्त समर्थन देने की वकालत की है. पार्टी के दोनों वरिष्ठ नेताओं ने बुधवार को प्रसार माध्यम से बोलते हुए अपने मत रखे. राऊत ने कहा कि कांग्रेस विचारधारा पर चलने वाली पार्टी है. उसके कार्यकर्ता भी इसी दिशा में काम करते हैं. इस विचारधार से जुड़े रहकर विधायकों ने विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की. कई युवा विधायक भी निर्वाचित हुए हैं. इनमें से एक भी शिवसेना के साथ जाने को तैयार नहीं है. बहरहाल इस संदर्भ में जो भी फैसला होगा, वह आघाड़ी में शामिल कांग्रेस और राकांपा संयुक्त रूप से लेंगे.
राऊत से उलट विजय वडेट्टीवार का मानना है कि भाजपा को सत्ता से दूर रखना चाहिए. महाराष्ट्र के लिए आने वाले 48 घंटे महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा की वजह से ही राज्य में राजनीतिक गतिरोध उत्पन्न हुआ है. कांग्रेस और राकांपा की भूमिका इस संदर्भ में एक ही है. शिवसेना को समर्थन देने पर पार्टी नेतृत्व फैसला करेगा. लेकिन पार्टी के अधिकांश विधायकों का मानना है कि किसी भी हाल में भाजपा के हाथों में सत्ता नहीं आनी चाहिए. अगर शिवसेना को समर्थन चाहिए तो उसे भाजपा नेतृत्व वाले गठबंधन एनडीए से बाहर आना होगा.