महाराष्ट्र: बीजेपी ने किया अकेले सरकार बनाने की अटकलों को खारिज, कहा, 'शिवसेना के बिना नहीं होगा शपथ ग्रहण'
By अभिषेक पाण्डेय | Published: October 30, 2019 03:51 PM2019-10-30T15:51:27+5:302019-10-30T16:24:50+5:30
BJP, Shiv Sena: बीजेपी ने महाराष्ट्र में अकेले सरकार गठन की संभावनाओं से इनकार करते हुए कहा है कि उसके सहयोगी शिवसेना के बिना शपथ ग्रहण नहीं होगा
महाराष्ट्र में अकेले ही सरकार बनाने की अटकलों को खारिज करते हुए बीजेपी ने बुधवार को स्पष्ट किया है कि वह शिवसेना के बिना महाराष्ट्र में कोई शपथ ग्रहण नहीं होगा।
बीजपी के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में बुधवार को देवेंद्र फड़नवीस को विधायक दल का नेता चुनते हुए बीजेपी ने उनके दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने की तरफ एक और कदम बढ़ा दिया। शिवसेना की ढाई-ढाई साल सीएम पद की मांग को लेकर इन दोनों पार्टियों के बीच पेंच फंसा है।
बीजेपी ने कहा, शिवसेना के बिना नहीं बनाएंगे सरकार
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, 'बीजेपी ने अकेले सरकार बनाने की अटकलें खारिज कर दी हैं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और देवेंद्र फड़नवीस के करीबी माने जाने वाले गिरीश महाजन ने कहा, 'शिवसेना के बिना नहीं बनेगी सरकार। हम साथ में मिलकर सरकार बनाएंगे, शिवसेना के बिना कोई शपथ ग्रहण नहीं होगा।'
इससे पहले महाराष्ट्र चुनाव नतीजे आने के बाद देवेंद्र फड़नवीस ने भी कहा था कि इस बात में संदेह नहीं होना चाहिए कि ये महायुति (बीजेपी-शिवसेना गठबंधन) की सरकार होगी। फड़नवीस ने कहा था, 'लोगों ने महायुति' (बीजेपी-शिवसेना गठबंधन) के लिए मतदान किया है, इसलिए संदेह नहीं होना चाहिए। यह एक 'महायुति' सरकार होगी।'
माना जा रहा है कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते बीजेपी सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। लेकिन बीजेपी शपथ ग्रहण से पहले शिवसेना के साथ समझौते की कोशिशों में जुटी है।
महाराष्ट्र चुनाव नतीजे आने के बाद से ही शिवसेना इन दोनों पार्टियों के बीच लोकसभा चुनाव के दौरान हुई 50: 50 डील की बात करती रही है, हालांकि बीजेपी ने ऐसे किसी वादे से इनकार किया है।
बीजेपी कर रही है शिवसेना को मनाने की पुरजोर कोशिश
शिवसेना के अपनी मांग पर अड़े रहने के बावजूद बीजेपी उसे मनाने की पूरी कोशिश कर रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए बीजेपी शिवसेना को उपमुख्यमंत्री पद समेत कई मुख्य विभाग और केंद्र में भी मंत्री पद देने को तैयार है। हालांकि अभी इस ऑफर में गृह, वित्त और राजस्व जैसे मंत्रालय शामिल नहीं हैं।
बीजेपी-शिवसेना के बीच बात नहीं बन पाने की सूरत में जो परिदृश्य उभर कर रहे हैं, उसके मुताबिक बीजेपी फिर एनसीपी के समर्थन से सरकार बना सकती है या फिर शिवसेना कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन मिलकर बीजेपी को सत्ता से बाहर कर सकते हैं, लेकिन अभी इन दोनों परिदृश्यों की उम्मीद काफी कम है।
अगर ऐसा भी नहीं होता है तो बीजेपी को उम्मीद होगी वह शिवसेना को कम से कम विश्वास मत परीक्षण से पहले उसके समर्थन के लिए राजी कर ले।