नवाब मलिक को मानहानी मामले में राहत नहीं, मुकदमा रद्द करने से हाई कोर्ट ने किया इनकार
By सौरभ खेकडे | Published: March 4, 2022 08:41 PM2022-03-04T20:41:59+5:302022-03-04T20:41:59+5:30
समीर वानखेड़े के चचेरे भाई संजय वानखेड़े ने नवाब मलिक पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने वानखेड़े परिवार के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया है. पूरा मामला इसी शिकायत से जुड़ा है.
नागपुर: बंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने महाराष्ट्र के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता नवाब मलिक के खिलाफ चल रहा एट्रोसिटी और मानहानी का मुकदमा रद्द करने से इनकार किया है. न्यायमूर्ति अविनाश घारोटे ने कहा है कि इस मामले में मुकदमा चलाने का आदेश देने वाले विशेष एट्रोसिटी न्यायालय को ही पुनर्विचार करना चाहिए.
हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि मुकदमा चलाने का आदेश जारी करने के पूर्व निचली अदालत को शिकायत के तथ्य और गुणवत्ता पर विचार करना चाहिए था. ऐसे में अब मलिक की किस्मत का फैसला निचली अदालत करेगी.
क्या है नवाब मलिक से जुड़ा ये पूरा मामला
दरअसल मलिक और मुंबई एनसीबी के अधिकारी समीर वानखेड़े में बीते कुछ समय से टकराव चल रहा है. समीर के चचेरे भाई संजय वानखेड़े ने मलिक पर आरोप लगाए है कि उन्होंने वानखेड़े परिवार के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया है. जिससे उनके परिवार की समाज में बदनामी हुई है.
उन्होंने इस संबंध में स्थानीय पुलिस थाने में भी एट्रोसिटी एक्ट के तहत शिकायत की है. इसके बाद संजय वानखेड़े ने वाशिम की विशेष अदालत में अर्जी दायर करके पुलिस को प्रकरण की जांच के आदेश देने की प्रार्थना की थी.
इस पर निचली अदालत ने मलिक को नोटिस जारी करके कोर्ट में हाजिरी लगाने के आदेश दिए थे. निचली अदालत के आदेश के खिलाफ मलिक ने हाईकोर्ट की शरण ली थी. इस पर शुक्रवार को फैसला जारी करते हुए हाईकोटने कहा कि यह मामला निचली अदालत को वापस भेजे जाने के योग्य है.