महाराष्ट्र के इस नेता ने की योगी आदित्यनाथ की जनरल डायर से तुलना
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 20, 2020 01:28 PM2020-02-20T13:28:16+5:302020-02-20T13:28:16+5:30
सीएम योगी ने कहा था कि नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के दौरान दंगाइयों ने गोली चलाई और उन्हीं की गोली से प्रदर्शनकारियों की मौत हुई।
नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ उत्तर प्रदेश में विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई मौतों पर सीएम योगी आदित्यनाथ का बयान सुर्खियों में छाया हुआ। विपक्ष योगी के बयान पर हमलावर है। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने भी सीएम योगी को घेरा। नवाब मलिक ने कहा है कि योगी जनरल डायक की तरह बर्ताव कर रहे हैं।
याद दिला दें कि योगी आदित्यनाथ ने प्रदर्शनकारियों की ओ इशारा करते हुए कहा था कि मरने को आएंगे तो जिंदा कैसे जाएंगे। नवाब मलिक ने कहा कि योगी आदित्यनाथ का यह बयान लोकतंत्र में कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि लोगों को विरोध करने का अधिकार है, इसके बावजूद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ जनरल डायर की तरह बर्ताव कर रहे हैं, इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
Maharashtra Min Nawab Malik: The way Adityanath ji (UP CM) said 'marne ko ayenge to zinda kaise jayenge', cannot be tolerated in democracy. SC said that people have right to protest,despite that, police fired on protesters. Yogi ji behaving like General Dyer,it can't be tolerated pic.twitter.com/1y1NItNRjy
— ANI (@ANI) February 20, 2020
योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को दावा किया था कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ गत 19 दिसंबर को राज्य के विभिन्न जिलों में हिंसा के दौरान एक भी व्यक्ति पुलिस की गोली लगने से नहीं मरा। विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के जवाब में उन्होंने कहा था, ''सीएए के खिलाफ उपद्रव के दौरान पुलिस की गोली से कोई नहीं मरा। जो लोग मरे हैं, वे उपद्रवियों की गोली से ही मरे हैं।'' उन्होंने कहा ''अगर कोई व्यक्ति किसी निर्दोष को मारने के लिए निकला है और वह पुलिस की चपेट में आता है, तो या तो पुलिसकर्मी मरे, या फिर वह मरे... किसी एक को तो मरना होगा, लेकिन एक भी मामले में पुलिस की गोली से कोई नहीं मरा है।''
मुख्यमंत्री ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामले में पुलिस कार्रवाई की तारीफ करते हुए कहा था, ''अगर कोई मरने के लिए आ ही रहा है तो वह जिंदा कैसे हो जाएगा।'' योगी का यह बयान विपक्ष के इन आरोपों के परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण है कि सीएए विरोधी हिंसा में मरे सभी लोग पुलिस की गोली से ही मारे गए हैं और इस वजह से पुलिस मृतकों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट उनके परिजनों को नहीं दे रही है।
प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों में सीएए के खिलाफ दिसंबर में हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान 21 लोगों की मौत हुई थी।