महाराष्ट्र सरकार ने दिया चीन को झटका, चीनी कंपनियों के साथ 5000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पर लगाई रोक

By विनीत कुमार | Published: June 22, 2020 11:47 AM2020-06-22T11:47:13+5:302020-06-22T11:53:15+5:30

महाराष्ट्र सरकार ने चीनी कंपनियों के साथ करीब 5000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं से जुड़ी डील पर रोक लगा दी है। महाराष्ट्र सरकार का ये फैसला हाल में चीन से सीमा पर जारी तनातनी के बीच आया है।

Maharashtra govt freezes worth rs 5000 crore projects with china companies | महाराष्ट्र सरकार ने दिया चीन को झटका, चीनी कंपनियों के साथ 5000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पर लगाई रोक

महाराष्ट्र ने चीनी कंपनियों के साथ 5000 करोड़ रुपये की परियोजना पर लगाई रोक

Highlightsमहाराष्ट्र सरकार ने तीन चीनी कंपनियों के साथ हुए करार पर लगाई रोक, 5000 करोड़ रुपये के थे ये प्रोजेक्टहाल में लद्दाख में 20 भारतीय जवानों की शहादत की घटना से पहले हुए थे ये सभी करार

लद्दाख में चीन के साथ तनातनी के बीच महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार ने चीनी कंपनियों के साथ हाल में हुए तीन बड़े करार पर रोक लगा दी है। ये करार करीब 5000 करोड़ के परियोजनाओं से जुड़े थे और हाल में 'मैगनेटिक महाराष्ट्र 2.0 इंवेस्टर' समिट के दौरान हुए थे। इससे पहले हाल में हरियाणा की सरकार भी पावर प्रोजेक्ट्स से चीन कंपनियों के टेंडर को कैंसल कर नए टेंडर जारी करने के निर्देश दे चुकी है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र के औद्योगिक मंत्री सुभाष देसाई ने बताया, 'केंद्र सरकार से सलाह के बाद ये फैसले लिए गए हैं। ये करार भारत-चीन सीमा पर 20 भारतीय जवानों के शहीद होने से पहले किए गए थे। विदेश मंत्रालय ने सलाह दी है कि चीनी कंपनियों के साथ अभी आगे और करार नहीं किए जाएं।'

रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले सोमवार को डील के दौरान ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस में चीनी राजदूत सुन वीडोंग शामिल थे। इनमें से एक करार 3,770 करोड़ रुपये का था। ये चीन के ग्रेट वॉल मोटर्स (GWM) के साथ था। इसमें पुणे के करीब तालेगांव में एक ऑटोमोबाइल प्लांट लगाने की बात थी।

वहीं, दूसरा करार पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी और फोटोन (चीन) का ज्वायंट वेंचर था। ये 1000 करोड़ रुपये का था। सरकार की विज्ञप्ति के अनुसार इससे 1500 नौकरियां उपलब्ध होतीं। इसके अलावा तीसरा करार चीनी कंपनी हेंगली इंजीनियरिंग के साथ था। ये 250 करोड़ का करार था।

'मैगनेटिक महाराष्ट्र 2.0' दरअसल महाराष्ट्र सरकार की ओर से कोविड-19 के बाद अर्थव्यवस्था को तेजी देने के प्रयास के लिए आयोजित किया गया था। इस दौरान विभिन्न देशों जैसे सिंगापुर, दक्षिण करिया, अमेरिका और अन्य भारतीय कंपनियों के साथ कुल 12 करार हुए थे। देसाई के अनुसार तीन करार पर रोक के बाद अन्य 9 पर काम जारी है।

बता दें कि लद्दाख विवाद के बाद देश में चीन के खिलाफ लगातार आक्रोश जारी है। इस दौरान चीनी सामानों के बहिष्कार की भी बात कही जा रही है। हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सर्वदलीय बैठक के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि भारत शांति चाहता है लेकिन वो कमजोर नहीं है।

ठाकरे ने साथ ही पीएम मोदी को इस मुद्दे पर साथ देने का भरोसा भी दिलाया था। उन्होंने कहा था, 'हमारी सरकार चीन को जवाब देने में सक्षम है। हम सभी एक हैं। यही अहसास है। प्रधानमंत्री हम आपके साथ हैं। हम अपनी सेना और उनके परिवार से साथ हैं।' 

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