कांग्रेस के बाद NCP ने भी बनाई कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के लिए कमेटी, सत्ता के लिए लगाया जा रहा एड़ी-चोटी का जोर
By रामदीप मिश्रा | Published: November 13, 2019 01:58 PM2019-11-13T13:58:08+5:302019-11-13T13:58:08+5:30
Maharashtra: 288 सीटों सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का रिजल्ट 24 अक्टूबर घोषित हुआ था, जिसमें 105 सीटें जीतते हुए बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। राज्य के चुनाव में शिवसेना को 56 सीटें मिलीं।
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद भी सरकार के गठन की कोशिशें जारी हैं। प्रदेश में कांग्रेस के बाद अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने भी कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर बातचीत करने के लिए समिति का गठन किया है। इस समिति में पार्टी के नेता जयंत पाटिल, अजीत पवार, छगन भुजबल, धनंजय मुंडे और नवाब मलिक शामिल हैं।
इसस पहले कांग्रेस ने कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर बात करने के लिए कमेटी का गठन किया, जिसमें अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण, मानिकराव ठाकरे, बालासाहेब थोराट और विजय वडेटिवार शामिल हैं। महाराष्ट्र में सरकार बनाने के संकेत एनसीपी नेता अजीत पवार ने दे दिये हैं।
Nationalist Congress Party (NCP) has set up a committee of Maharashtra leaders for talks on Common Minimum Programme with Congress. The committee includes Jayant Patil, Ajit Pawar, Chhagan Bhujbal, Dhananjay Munde and Nawab Malik. #MaharashtraGovtFormationpic.twitter.com/6RzacxDNjO
— ANI (@ANI) November 13, 2019
अजीत पवार का कहना है कि आज हमारे नेता जयंत पाटिल महाराष्ट्र के प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रेसिडेंट बालासाहेब थोराट से बात करेंगे। यह बातचीत आगे की पार्टियों के बीच चर्चा और तारीख आदि तय करने को लेकर होगी। इसके बाद बीमार हुए शिवसेना नेता संजय राउत की अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि एकबार फिर दोहराया है कि महाराष्ट्र में शिवसेना का ही मुख्यमंत्री बनेगा।
आपको बता दें कि 288 सीटों सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का रिजल्ट 24 अक्टूबर घोषित हुआ था, जिसमें 105 सीटें जीतते हुए बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। राज्य के चुनाव में शिवसेना को 56 सीटें मिलीं। इसके अलावा राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं। प्रदेश की 288 सदस्यीय विधानसभा में सरकार बनाने के लिये 145 विधायकों का समर्थन जरूरी है। मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच जमकर खींचतान हुई और दोनों पार्टियों में तालमेल नहीं बन सका।