महाराष्ट्र राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने किताब 'कॉफी टेबल बुक' को लेकर शरद पवार ने जमकर साधा निशाना, चिट्ठी लिखकर कही ये बात
By स्वाति सिंह | Published: October 28, 2020 06:24 PM2020-10-28T18:24:01+5:302020-10-28T18:28:13+5:30
शरद पवार ने चिट्ठी में लिखा, 'भारत के संविधान में 'जन राज्यपाल' का कोई उल्लेख नहीं है। पुस्तक का शीर्षक था, जो कहता है कि 'जन राज्यपाल कोश्यारी'।
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा लिखी किताब 'कॉफी टेबल बुक' का विमोचन 11 सितंबर को किया गया था। इस किताब के जारी किए जाने के इतने दिनों बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने राज्यपाल पर निशाना साधा है। एनसीपी नेता ने भगत सिंह कोश्यारी को चिट्ठी लिखी है और उनकी किताब पर व्यंग्य किया है।
शरद पवार ने चिट्ठी में लिखा, 'भारत के संविधान में 'जन राज्यपाल' का कोई उल्लेख नहीं है। पुस्तक का शीर्षक था, जो कहता है कि 'जन राज्यपाल कोश्यारी'। उन्होंने आगे लिखा, 'कॉफी टेबल बुक से गुजरने के बाद एक या दो शपथ ग्रहण समारोह को छोड़कर कॉफी बुक में स्वागत समारोह, दीक्षांत समारोह और गणमान्य लोगों के साथ बैठकों के बारे में उल्लेख किया गया है।'
उन्होंने लिखा कि कैसे राज्यपाल ने सुबह की शपथ ग्रहण की तस्वीरें लगाने से परहेज किया। मालूम हो कि पवार ने यहां उन तस्वीरों का जिक्र किया है जब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता संघर्ष चल रहा था और शिवसेना से गठबंधन टूटने के बाद बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
शरद पवार की राज्यपाल को चिट्ठी
आदरणीय राज्यपाल,
मुझे राज्यपाल सचिवालय, महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्रकाशित कॉफी टेबल बुक 'जनराज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी' प्राप्त हुई। मैं ईमानदारी से राज्य सरकार को धन्यवाद देता हूं कि मुझे इस तरह के शीर्षक के एक सुंदर प्रिंट के साथ एक प्रसिद्ध कॉफी टेबल बुक भेजी गई है। भले ही वास्तविक रूप से भारतीय संविधान में जन राज्यपाल का कोई उल्लेख नहीं है। जब मैंने कॉफी टेबल बुक का प्रिव्यू किया, तो पाया कि शपथ ग्रहण समारोह, स्वागत समारोह, अभिवादन समारोह, गणमान्य व्यक्तियों की बैठकें और उनमें आपकी भागीदारी की तस्वीरे हैं। लेकिन इसमें खासतौर से एक शपथ ग्रहण समारोह की तस्वीर नहीं डाली गई है। लेकिन जैसा कि मैंने इस पुस्तक में पाया है कि धर्मनिरपेक्षता पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को दी गई आपकी सलाह और गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी का जिक्र नहीं है। खैर, मैं आपको आपके ऐतिहासिक करियर का लेखा-जोखा भेजने के लिए फिर से धन्यवाद देना चाहूंगा।