महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट ने कहा- धार्मिक उत्सवों को अनुमति नहीं देने का फैसला सोच समझकर लिया गया

By भाषा | Published: October 18, 2020 05:09 PM2020-10-18T17:09:10+5:302020-10-18T17:09:10+5:30

सरकार ने कहा कि निर्णय पूरी तरह उचित है और इस अदालत को अपने असाधारण संवैधानिक रिट न्यायाधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल कर हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है।

Maharashtra government told supreme court, The decision not to allow religious festivals was taken thoughtfully | महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट ने कहा- धार्मिक उत्सवों को अनुमति नहीं देने का फैसला सोच समझकर लिया गया

फाइल फोटो

Highlightsमहाराष्ट्र सरकार ने कहा कि दशहरा जुलूस निकालने की अनुमति देना ‘‘व्यावहारिक रूप से सही विकल्प’’ नहीं है।राज्य सरकार ने वायरस का प्रसार रोकने के लिए धार्मिक उत्सवों के आयोजन को अनुमति नहीं देने का फैसला सोच समझकर लिया है।

नई दिल्लीः महाराष्ट्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि कोविड-19 के बीच नांदेड़ गुरुद्वारा को परम्परा के मुताबिक दशहरा जुलूस निकालने की अनुमति देना ‘‘व्यावहारिक रूप से सही विकल्प’’ नहीं है और राज्य सरकार ने वायरस का प्रसार रोकने के लिए धार्मिक उत्सवों के आयोजन को अनुमति नहीं देने का फैसला सोच समझकर लिया है।

राज्य सरकार ने कहा कि इसके पुराने अनुभव के मुताबिक स्थितियों और लगाए गए प्रतिबंधों पर कड़ी निगरानी बनाए रखना संभव नहीं है और इसका परिणाम घातक वायरस के प्रसार के तौर पर होता है। उसने कहा कि 16 अक्टूबर, 2020 को महाराष्ट्र में कोविड-19 से प्रभावित कुल आबादी 15 लाख 76 हजार 62 थी और वायरस के कारण 41,502 लोगों की मौत हो चुकी है।

राज्य सरकार ने कहा कि नांदेड़ जिले में कोविड-19 से प्रभावित लोगों की संख्या 18,167 है और वहां 478 लोगों की मौत हो चुकी है। नांदेड़ नगर निकाय क्षेत्र में कोविड-19 से प्रभावित लोगों की संख्या 8,375 है और वहां 224 लोगों की मौत हुई है। राज्य सरकार ने कहा कि धार्मिक उत्सवों के आयोजन को अनुमति नहीं देने का फैसला सोच समझकर लिया गया है।

सरकार ने कहा कि निर्णय पूरी तरह उचित है और इस अदालत को अपने असाधारण संवैधानिक रिट न्यायाधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल कर हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है। न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ याचिका पर सोमवार को सुनवाई कर सकती है, जब शीर्ष अदालत में दशहरा की छुट्टियां होंगी।

पीठ ने ‘नांदेड़ सिख गुरुद्वारा सचखंड श्री हजूर अबचलनगर साहिब बोर्ड’ की याचिका पर महाराष्ट्र सरकार से 16 अक्टूबर को जवाब मांगा था। याचिका में बोर्ड ने तीन सदियों से चली आ रही परम्परा ‘दशहरा, दीपमाला और गुरता गद्दी’ का आयोजन कुछ शर्तों के साथ करने देने की अनुमति मांगी थी।

राज्य सरकार ने अपने हलफनामे में कहा कि उसने सोच समझकर धार्मिक उत्सवों का आयोजन और बड़ी संख्या में लोगों के एकत्रित होने पर रोक लगाने का निर्णय किया है और इसमें कुछ भी अपवाद नहीं है। 

Web Title: Maharashtra government told supreme court, The decision not to allow religious festivals was taken thoughtfully

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