Maharashtra floods: महाराष्ट्र के 13 जिला बाढ़ से प्रभावित, 251 लोगों की मौत, रायगढ़, कोंकण और कोल्हापुर का बुरा हाल
By सतीश कुमार सिंह | Published: July 28, 2021 02:42 PM2021-07-28T14:42:48+5:302021-07-28T14:43:52+5:30
Maharashtra floods: सतारा में 45, रत्नागिरी में 35, ठाणे में 14, कोल्हापुर में सात, मुंबई उपनगर में चार, पुणे में तीन, सिंधुदुर्ग, वर्धा और अकोला जिलों में दो-दो व्यक्तियों की मौत हुई।
Maharashtra floods: महाराष्ट्र में बारिश, बाढ़ और भूस्लखन से 251 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और 100 अन्य अभी भी लापता हैं क्योंकि लगातार बारिश के बाद राज्य के 13 जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। सबसे अधिक प्रभावित रायगढ़ जिले में अकेले करीब 100 लोगों की मृत्यु हुई है, जबकि आठ लोग अब भी लापता हैं।
पिछले सप्ताह भारी बारिश से भीषण बाढ़ और राज्य में विशेषकर तटीय कोंकण और पश्चिमी महाराष्ट्र के क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर भूस्खलन की घटनाएं हुईं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता नवाब मलिक ने बताया कि लगभग 251 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और 100 अन्य अभी भी लापता हैं।
राकांपा नेता ने कहा कि उपमुख्यमंत्री अजीत पवार भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं और राज्य सरकार ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के मानदंडों के अनुसार सहायता की घोषणा की है। मलिक ने कहा, "बाढ़ ने घरों और फसलों को नष्ट कर दिया है। बाढ़ प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने का निर्णय कैबिनेट की बैठक में लिया जाएगा और हम अपनी पार्टी की ओर से भी मदद करने की योजना बना रहे हैं।"
पश्चिम महाराष्ट्र में बारिश से थोड़ी राहत
पश्चिमी महाराष्ट्र में व्यापक पैमाने पर नुकसान और बाढ़ के बाद बारिश की तीव्रता कम हुई है और अब प्राधिकारी जलजनित बीमारियों को पैदा होने से रोकने के लिए कदम उठा रहे हैं। कोल्हापुर और सांगली में प्रमुख नदियों का जल स्तर घटा है जो पहले खतरे के निशान से ऊपर बह रही थीं। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि कोल्हापुर में बारिश के कारण 243 करोड़ के नुकसान का अनुमान है तथा नुकसान का आकलन अभी चल रहा है। कोल्हापुर में अभी तक 36,615 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।
जिला आपदा प्रकोष्ठ ने बताया कि पंचगंगा नदी का जल स्तर कम हो गया है तथा यह कोल्हापुर में राजाराम बांध में 43.9 फुट पर बह रही है। वहीं, सातारा जिले में कोयना बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़ने से सांगली जिले में सांगरी शहर तथा कई गांवों में बाढ़ आ गयी। सांगली में कृष्णा नदी का जल स्तर इरविन पुल पर खतरे के निशान से नीचे आ गया है।
बाढ़ के बाद, अब जल स्तर के कम होने से पानी से होने वाली बीमारियों का खतरा पैदा हो गया है। सांगली के जिलाधिकारी अभिजीत चौधरी ने जिला प्रशासन को आवश्यक कदम उठाने, चिकित्सा शिविर लगाने और ऐसी बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए आवश्यक दवाएं वितरित करने के निर्देश दिए हैं।
महाराष्ट्र में बाढ़ में बहकर आए मगरमच्छ, बचाव केंद्र बनाए गए
भारी बारिश के कारण आई बाढ़ के बाद महाराष्ट्र में सांगली के कुछ आवासीय इलाकों में मगरमच्छ देखे जाने के बाद वन विभाग ने इन सरीसृपों को बचाने तथा इंसानों और जानवरों के बीच संघर्ष की घटनाओं को रोकने के लिए ऐसे इलाकों में छह केंद्र स्थापित किए हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
पश्चिमी महाराष्ट्र में सांगली हाल में भारी बारिश से प्रभावित रहा है जिससे जिले में कई स्थानों पर पानी भर गया है। बाद में, बारिश जब थोड़ी हल्की पड़ी और कृष्णा नदी के किनारों के पास के गावों में जलस्तर घटने के साथ ही कुछ सड़कों, नालों और यहां तक कि घरों की छतों पर भी मगरमच्छ देखे गए जिससे लोगों में घबराहट पैदा हो गई।
वन अधिकारियों के मुताबिक, लगभग 15 गांवों से गुजरने वाली नदी के 60-70 किमी हिस्से में मगरमच्छों का आवास है जिनमें भीलवाड़ी, मालवाड़ी, दिगराज, ऑदंबारवाड़ी, चोपाड़ेवाड़ी और ब्रह्मनाल शाामिल हैं। पूर्व में, इनमें से कुछ इलाकों में इंसानों और जानवरों के टकराव की घटनाएं हुई हैं।