महाराष्ट्र: मंत्रिमंडल विस्तार के लिए कांग्रेस-शिवसेना का बढ़ा दबाव, जानें किसके हिस्से में कौन सा होगा मंत्रालय

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 2, 2019 08:31 AM2019-12-02T08:31:00+5:302019-12-02T08:31:00+5:30

Maharashtra: Congress-Shiv Sena pressurized for cabinet expansion, know in whose part which ministry will be | महाराष्ट्र: मंत्रिमंडल विस्तार के लिए कांग्रेस-शिवसेना का बढ़ा दबाव, जानें किसके हिस्से में कौन सा होगा मंत्रालय

कांग्रेस-शिवसेना

Highlightsकांग्रेस और शिवसेना के नेताओं को लगता है कि एनसीपी का निर्णय नहीं हो पा रहा है. कांग्रेस और शिवसेना के नेताओं को लगता है कि एनसीपी का निर्णय नहीं हो पा रहा है.

अतुल कुलकर्णी

महाविकास आघाड़ी सरकार ने विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया है. अब उस पर मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द से जल्द करने के लिए दबाव बढ़ गया है. कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के विधायक मंत्री पद पाने के लिए आतुर हैं. एनसीपी के नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा है कि नागपुर में शीतकालीन सत्र 16 से 21 दिसंबर तक है. उसके बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा.

उनके इस कथन से मंत्री बनने के इच्छुक विधायकों में नाराजगी फैल गई है. जो मंत्री बन गए हैं, वे भी इस बात से परेशान हैं कि इतने कम मंत्रियों को लेकर एक सप्ताह के सत्र का सामना कैसे किया जाए? सरकार बन गई है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे चाहते हैं कि जल्द से जल्द मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाए और नागपुर अधिवेशन के पूर्व कुछ जनकल्याणकारी निर्णय ले लिए जाएं.

कांग्रेस और शिवसेना के नेताओं को लगता है कि राकांपा का निर्णय नहीं हो पा रहा है. इसी कारण सारी देरी हो रही है. अगर सत्र के पूर्व विस्तार नहीं किया गया तो यह दिसंबर अंत तक खिंचेगा. उसके बाद क्रिसमस की छुट्टियां आ जाएंगी और बिना वजह मंत्रिमंडल विस्तार टलेगा. इसीलिए मंत्री बनने के इच्छुकों का दबाव बहुत बढ़ गया है.

राकांपा नेता अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद चाहिए. जयंत पाटिल के करीबी लोगों का कहना है कि यह पद जयंत पाटिल को देने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन, पार्टी के अनेक विधायकों का कहना है कि अगर पार्टी को बढ़ाना है और आगे ले जाना है तो कैसे भी करके अजित पवार को ही उपमुख्यमंत्री पद दिया जाए. राकांपा प्रमुख शरद पवार दिल्ली गए हुए हैं. कांग्रेस के भी कुछ नेता दिल्ली गए हैं.

तीनों पार्टियों की ओर से यह दबाव बढ़ गया है कि किसी भी तरह नागपुर सत्र के पूर्व मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाए. अनेक विधायकों ने कांग्रेस व शिवसेना नेताओं से यह भी कहा है कि राकांपा की ओर से उपमुख्यमंत्री पद किसको देना है, यह तय नहीं हो पा रहा है तो सत्र के पूर्व कांग्रेस और शिवसेना के मंत्रियों को शपथ दिला दी जाए. जब राकांपा का निर्णय हो जाए तब उसके मंत्रियों को शपथ दिलाई जाए. यह सवाल भी उठाया जा रहा है कि केवल 6 मंत्रियों को लेकर मुख्यमंत्री कामकाज कैसे करेंगे.

कांग्रेस ने उपमुख्यमंत्री पद मांगा था, अजित पवार का आग्रह था कि उपमुख्यमंत्री पद एक ही हो. अंतत: शरद पवार ने मध्यस्थता कर यह विवाद सुलझाया और स्पष्ट कर दिया कि कांग्रेस को विधानसभा का अध्यक्ष पद और उपमुख्यमंत्री पद के बजाय नौ कैबिनेट व तीन राज्यमंत्री पद दिए जाएंगे. इस बात पर लगभग सहमति बन गई है कि कौन कौनसा मंत्रालय लेगा. उद्योग, स्कूली शिक्षा और ऊर्जा ये तीन मंत्रालय ऐसे हैं जिन्हें तीनों पार्टियां चाहती हैं. शिवसेना ने अपने मंत्रियों के नामों की सूची भी तैयार कर ली है.

मंत्रालयों का बंटवारा :

शिवसेना - नगरविकास, जलसंपदा, जलसंधारण, जलापूर्ति, ग्रामविकास, गृहनिर्माण, कृषि, विधि व न्याय, पर्यावरण, एमएसआरडीसी, पशुसंवर्धन.
राकांपा - गृह, वित्त व नियोजन, वन, मेडिकल शिक्षा, महिला व बालविकास, आदिवासी, विधानसभा उपाध्यक्ष पद 
कांग्रेस - राजस्व, सहकारिता, लोकनिर्माण विभाग, सार्वजनिक स्वास्थ्य, उच्च व तकनीकी शिक्षा, अन्न व औषधि प्रशासन, सांंस्कृतिक कार्य.

 

Web Title: Maharashtra: Congress-Shiv Sena pressurized for cabinet expansion, know in whose part which ministry will be

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