महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से की मुलाकात : मराठा आरक्षण, जीएसटी के मुद्दे पर बातचीत
By भाषा | Updated: June 8, 2021 20:11 IST2021-06-08T20:11:39+5:302021-06-08T20:11:39+5:30

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से की मुलाकात : मराठा आरक्षण, जीएसटी के मुद्दे पर बातचीत
नयी दिल्ली, आठ जून महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और मराठा आरक्षण, मेट्रो के ‘कार शेड’, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) मुआवजे से जुड़े मुद्दों पर बातचीत की।
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजित पवार और कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण भी ठाकरे के साथ मौजूद थे।
ठाकरे ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ मराठा आरक्षण, मेट्रो के ‘कार शेड’, जीएसटी मुआवजे से जुड़े मुद्दों पर प्रधानमंत्री से बातचीत की। बारह मुद्दों पर चर्चा हुई।’’ उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने इन मुद्दों पर गौर करने का आश्वासन दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम तीनों (बैठक से) संतुष्ट हैं क्योंकि हमारी बैठक के दौरान कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं था। हमने जो भी मुद्दे उठाए, उन्होंने हमारी बात सुनी। मेरा मानना है कि कोई रास्ता निकल सकता है।’’
पवार ने बताया कि बैठक डेढ़ घंटे तक चली। उन्होंने कहा कि जीएसटी मुआवजे से जुड़े मुद्दे पर भी बातचीत हुई। पवार महाराष्ट्र के वित्त मंत्री भी हैं।
मोदी ने पहले ठाकरे से अकेले में वार्ता की और इसके बाद प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की। नवम्बर, 2019 में राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद ठाकरे की राष्ट्रीय राजधानी की यह दूसरी यात्रा है।
राज्य की शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस सरकार मेट्रो ‘कार शेड’ को कंजुर स्थानांतरित करना चाहती है। राज्य और केन्द्र दोनों उसे अपनी जमीन बताते हैं। यह मामला इस समय अदालत के समक्ष लंबित है।
देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली राज्य की पिछली भाजपा सरकार ने आरे में मेट्रो कार शेड बनाने का फैसला किया था, लेकिन पर्यावरणविदों ने इस कदम का विरोध किया था। हालांकि महा विकास अघाड़ी सरकार ने कार शेड को कंजुर में स्थानांतरित करने के निर्णय की घोषणा की थी।
पवार ने कहा कि महाराष्ट्र को जीएसटी मुआवजे के रूप में लगभग 46,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद थी, लेकिन उसे केवल 22,000 करोड़ रुपये ही मिले हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र को अभी भी 24,306 करोड़ रुपये मिलने हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहा है और इससे उसके राजस्व पर असर पड़ेगा और मुआवजे की राशि जल्द से जल्द दी जानी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा, राज्य सरकार ने केंद्र से 14 वें वित्त आयोग की सिफारिश के तहत लंबित अनुदान जारी करने का आग्रह किया है।
पवार ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने मोदी से महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को राज्य विधान परिषद में 12 सदस्यों के नामांकन को मंजूरी देने का निर्देश देने के लिए भी कहा।
कांग्रेस नेता चव्हाण ने पत्रकारों से कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में मराठों के लिए आरक्षण समाप्त करने के बाद, अब इस पर निर्णय लेने का अधिकार केंद्र के पास है। उन्होंने कहा कि केंद्र को इस संबंध में कदम उठाने चाहिए।
ठाकरे ने कहा कि मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने का मामला भी केन्द्र के समक्ष लंबित है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने इस मामले पर गौर करने का आश्वासन दिया है।
चक्रवात ‘ताउते’ के कारण हुए नुकसान पर ठाकरे ने कहा कि मुआवजे पर निर्णय लेने वाले राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) के मापदंडों को बदला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य को नए मानकों के अनुसार मुआवजा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि पश्चिमी तट अक्सर चक्रवातों की समस्या का सामना करते हैं। इसके लिए बिजली की ओवरहेड लाइन और पोल को हटाकर पूरी व्यवस्था भूमिगत होनी चाहिए और चक्रवात आश्रयों के निर्माण की जरूरत है। राज्य ने इसके लिए पांच हजार करोड़ रुपये की भी मांग की है।
इससे पहले, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने ट्वीट किया था, ‘‘ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उप मुख्यमंत्री अजित पवार और मंत्रिमंडल के सदस्य अशोक चव्हाण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
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