महाराष्ट्र विधानसभा चुनावः उद्धव ठाकरे 2019 में एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे, संजय राउत ने कहा- भाजपा और शरद पवार ने योजना में खलल डाला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 19, 2025 19:30 IST2025-02-19T19:29:31+5:302025-02-19T19:30:26+5:30

Maharashtra Assembly Elections: राउत ने यहां संवाददाताओं से कहा, “भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने (अविभाजित) शिवसेना से मुख्यमंत्री पद साझा करने का वादा नहीं निभाया। यही कारण है कि शिंदे को सरकार का नेतृत्व करने का मौका नहीं मिल सका।”

Maharashtra Assembly Elections Uddhav Thackeray wanted make Eknath Shinde Chief Minister in 2019 Sanjay Raut said BJP and Sharad Pawar disrupted plan | महाराष्ट्र विधानसभा चुनावः उद्धव ठाकरे 2019 में एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे, संजय राउत ने कहा- भाजपा और शरद पवार ने योजना में खलल डाला

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Highlightsमहा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन बनाकर वह मुख्यमंत्री पद पर काबिज हुए थे।अजित पवार ने शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने की योजना का विरोध किया था। देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में अजित पवार के साथ उपमुख्यमंत्री हैं।

Maharashtra Assembly Elections: शिवसेना (उबाठा) नेता संजय राउत ने बुधवार को दावा किया कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे, लेकिन पहले भाजपा और बाद में शरद पवार सहित एमवीए सहयोगियों ने इस योजना में खलल डाल दिया। राउत ने यहां संवाददाताओं से कहा, “भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने (अविभाजित) शिवसेना से मुख्यमंत्री पद साझा करने का वादा नहीं निभाया। यही कारण है कि शिंदे को सरकार का नेतृत्व करने का मौका नहीं मिल सका।”

अविभाजित शिवसेना के तत्कालीन प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा से नाता तोड़ लिया था और कांग्रेस तथा अविभाजित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन बनाकर वह मुख्यमंत्री पद पर काबिज हुए थे।

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के राज्यसभा सदस्य राउत ने दावा किया, “शिंदे मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, लेकिन एमवीए के शीर्ष नेताओं ने उनके अधीन काम करने से इनकार कर दिया, क्योंकि वह उनसे जूनियर थे। (अविभाजित) राकांपा के तत्कालीन अध्यक्ष शरद पवार और अजित पवार ने शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने की योजना का विरोध किया था।”

गौरतलब है कि हाल ही में एक कार्यक्रम में शरद पवार का शिंदे की तारीफ करना उद्धव नीत पार्टी को रास नहीं आया था। दरअसल, शिंदे ने जून 2022 में उद्धव के खिलाफ बगावत कर दी थी और शिवसेना से अलग होकर भाजपा के साथ सरकार बना ली थी। अब वह देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में अजित पवार के साथ उपमुख्यमंत्री हैं।

अजित पवार 2023 में राकांपा से बगावत कर शिंदे नीत तत्कालीन सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में शामिल हो गए थे। शिंदे ने मंगलवार को उद्धव का नाम लिए बगैर कहा था कि शिवसेना मुख्यमंत्री पद के लालच में टूटी। उन्होंने कहा, “आपने अपने सहयोगियों के साथ ऐसा व्यवहार करना शुरू कर दिया, जैसे वे आपके नौकर हों। कोई पार्टी इस तरह से आगे नहीं बढ़ सकती।”

राउत के मुताबिक, उद्धव 2019 में शिंदे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे। उन्होंने कहा, “शिंदे को शिवसेना विधायक दल का नेता बनाया गया था, जो इस बात का संकेत था कि वह मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे।” शिवसेना नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री शंभूराज देसाई ने राउत के दावे का खंडन किया।

उन्होंने कहा कि 2019 में उद्धव ने “शिंदे की तरफ इशारा करते हुए पार्टी विधायकों से कहा था कि वह एक आम शिवसेना कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं, लेकिन फिर रातों-रात चीजें बदल गईं।” भाजपा नेता और राज्य सरकार में मंत्री नितेश राणे ने दावा किया कि राउत खुद मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा रखते थे। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “विधायकों को भी फोन किए गए, लेकिन सिर्फ पांच-छह विधायक ही उनके समर्थन में आगे आए।” 

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