Mahakumbh 2025: मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान?, निकला साधु-संतों का जत्था, अखाड़ों की डुबकी शुरू, देखें वीडियो

By सतीश कुमार सिंह | Updated: January 29, 2025 15:06 IST2025-01-29T14:42:40+5:302025-01-29T15:06:24+5:30

Mahakumbh 2025 Live: अखाड़ों ने सुबह अमृत स्नान टाल दिया था, लेकिन भीड़ कम होने पर अखाड़ों के साधु संत अमृत स्नान शुरू कर दिया है। 

Mahakumbh 2025 Live Amrit Snan on Mauni Amavasya saints and sages out immersion Akharas started watch 9 video | Mahakumbh 2025: मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान?, निकला साधु-संतों का जत्था, अखाड़ों की डुबकी शुरू, देखें वीडियो

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HighlightsMahakumbh 2025 Live: पवित्र स्नान सभी लोग कर सके।Mahakumbh 2025 Live: सभी श्रद्धालुओं को सुविधा हो सके।Mahakumbh 2025 Live: हजारों साधु-संत और नागा आ रहे हैं।

Mahakumbh 2025 Live: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि अधिक भीड़ के कारण भगदड़ जैसी घटना होने की वजह से अखाड़ों ने सुबह अमृत स्नान टाल दिया था, लेकिन भीड़ कम होने पर अखाड़ों के साधु संत अमृत स्नान शुरू कर दिया है। इस संबंध में मेला प्रशासन से बातचीत हुई। पुरी ने कहा कि हम अमृत स्नान के लिए जा रहे हैं और मेरे साथ हजारों साधु-संत और नागा आ रहे हैं। हम बहुत जल्दी घाट खाली कर देंगे, ताकि यहां आए सभी श्रद्धालुओं को सुविधा हो सके। पवित्र स्नान सभी लोग कर सके। प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर अखाड़ों का द्वितीय अमृत स्नान शुरू, तड़के हुई भगदड़ की घटना के कारण विलम्ब से स्नान शुरू हुआ है।

      

मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान के बाद पंचायती निरंजनी अखाड़े के दिगंबर नागा बाबा चिदानंद पुरी ने कहा कि आज एक आक्समिक घटना के कारण हमारी (अखाड़ों की) शोभा यात्रा नहीं निकाली जा सकी। अब हम कम संख्या में पवित्र डुबकी लगाने आ रहे हैं। महाकुंभ मेले में भगदड़ जैसी घटना होने के बावजूद श्रद्धालुओं का आना जारी है।

  

मेला प्रशासन के मुताबिक, बुधवार को मौनी अमावस्या के शुभ अवसर पर सुबह आठ बजे तक 2.78 करोड़ लोगों ने गंगा और संगम में आस्था की डुबकी लगाई। मेला प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, मौनी अमावस्या पर सुबह आठ बजे तक 10 लाख से अधिक कल्पवासियों समेत कुल 2.78 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में स्नान किया।

    

प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर अखाड़ों का अमृत स्नान बुधवार को दोपहर में शुरू हुआ। तड़के संगम नोज पर भगदड़ मचने की घटना के कारण महाकुंभ का यह दूसरा अमृत स्नान देर से शुरू हुआ है। हालांकि अखाड़ों के साधुओं ने परम्परा के विपरीत कोई खास लाव—लश्कर के बिना संगम पर पहुंचकर स्नान शुरू किया।

भगदड़ की वजह से अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने अमृत स्नान को सुबह टाल दिया था। यह तय किया गया था कि भीड़ कम होने पर अखाड़ों के संत स्नान करेंगे। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बुधवार को कहा था कि महाकुंभ में भगदड़ को देखते हुए संतों ने मौनी अमावस्या का अमृत स्नान सुबह टाल दिया था, लेकिन भीड़ कम होने पर अखाड़े अमृत स्नान करेंगे।

बुधवार को तड़के संगम नोज पर बैरियर टूटने से भगदड़ मच गई थी, जिसमें कुछ लोग घायल हो गए और उनका इलाज मेला क्षेत्र में बने अस्पताल में चल रहा है। इसके पूर्व, सुबह सभी संत महात्माओं के लिए सिंहासन लगा था और नागा सन्यासियों सहित सभी संत महात्मा स्नान के लिए तैयार थे लेकिन भगदड़ की घटना के बारे में सुनकर अखाड़ा परिषद ने जनहित में अमृत स्नान टालने का निर्णय किया था।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगदड़ के बाद अखाड़ों द्वारा मौनी अमावस्या का अमृत स्नान किए जाने के बारे में लखनऊ में कहा, ''अखाड़ा परिषद से जुड़े हुए पदाधिकारियों के साथ मैंने खुद भी बातचीत की है। आचार्य, महामंडलेश्वरों और पूज्य संतों के साथ भी बातचीत हुई है और उन्होंने बड़ी ही विनम्रता के साथ कहा है कि श्रद्धालु जन पहले स्नान करेंगे और फिर जब उनका दबाव कुछ कम होगा।

वे सकुशल वहां से निकल जाएंगे तब हम लोग स्नान करने के लिए संगम की तरफ जाएंगे।'' हर 12 वर्ष पर आयोजित होने वाला महाकुंभ संगम नगरी प्रयागराज में पिछली 13 जनवरी को शुरू हुआ था, जो 26 फरवरी तक चलेगा। मेले की मेजबानी कर रही उत्तर प्रदेश सरकार को उम्मीद है कि दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम में कुल 40 करोड़ तीर्थयात्री आएंगे।

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