अयोध्या: रेमन मैगसायसाय पुरस्कार से सम्मानित संदीप पाण्डेय का इंटरव्यू करने गए पत्रकार शाह आलम हिरासत में

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 19, 2019 12:36 PM2019-08-19T12:36:12+5:302019-08-19T12:52:42+5:30

रेमन मैगसायसाय अवार्ड से सम्मानित समाजसेवी पाण्डेय ने गत 16 अगस्त को दावा किया था कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किये जाने के विरोध में आयोजित कैंडल मार्च में हिस्सा लेने से रोकने के लिये लखनऊ जिला प्रशासन ने उन्हें अपने घर में नजरबंद कर दिया था। 

Magsaysay Award Winner Sandeep Pandey detained by up police | अयोध्या: रेमन मैगसायसाय पुरस्कार से सम्मानित संदीप पाण्डेय का इंटरव्यू करने गए पत्रकार शाह आलम हिरासत में

अयोध्या: रेमन मैगसायसाय पुरस्कार से सम्मानित संदीप पाण्डेय का इंटरव्यू करने गए पत्रकार शाह आलम हिरासत में

Highlightsदेश में अभिव्यक्ति की आजादी खतरे में है-संदीप पाण्डेयसंदीप पाण्डेय का दावा- राष्ट्रीय मुद्दों पर अपनी बात रखने से तीन बार रोका गया

रेमन मैगसायसाय पुरस्कार से सम्मानित सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पाण्डेय सोमवार को अयोध्या में उत्तर प्रदेश पुलिस ने हिरासत में लिया है। कुछ दिनों पहले ही उन्हें घर पर भी नजरबंद रखा गया था।

इस बात की जानकारी पत्रकार शाह आलम ने फेसबुक के जरिए दी है। उन्होंने फेसबुक पर लिखा, संदीप के पाण्डेय के इंटरव्यू के दौरान उन्हें पुलिस ने पकड़ लिया। फेसबुक पोस्ट के तस्वीरों में संदीप पाण्डेय पुलिस जिप्सी में दिख रहे हैं।

अभिव्यक्ति की आजादी खतरे में 

रविवार को संदीप पाण्डेय ने प्रशासन पर राष्ट्रीय मुद्दों से सम्बन्धित बात ना रखने देने का आरोप लगाते हुए इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खत्म करने की कोशिश करार दिया। 

पाण्डेय ने मीडिया से बातचीत में बताया कि पिछले करीब एक सप्ताह के दौरान पुलिस ने उन्हें कुछ राष्ट्रीय मुद्दों पर अपनी बात रखने से तीन बार रोका। उन्हें 11, 16 और 17 अगस्त को उनके घर में नजरबंद कर दिया गया। देश में अभिव्यक्ति की आजादी खतरे में है। 

उन्होंने कहा, ''हम कल अयोध्या में धार्मिक सौहार्द से जुड़े दो दिवसीय कार्यक्रम में भाग लेने जा रहे थे, लेकिन हमें रास्ते में ही रोक लिया गया। जिस तरह से कार्यक्रमों को रोका जा रहा है, उससे लगता है कि देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता समाप्त कर दी गयी है।'' 

पाण्डेय ने कहा, ''पिछली 16 अगस्त को हमें कैंडल मार्च निकालना था लेकिन हमें हजरतगंज की तरफ नहीं जाने दिया गया। हमें अपने कार्यक्रम स्थल तक नहीं जाने दिया जा रहा है।'' 

उन्होंने कहा ''हमारा 11 अगस्त का विरोध प्रदर्शन कश्मीर में लोकतंत्र की बहाली के मुद्दे पर था। स्वायत्तता तो लोकतंत्र की आत्मा है।'' 

रेमन मैगसायसाय अवार्ड से सम्मानित समाजसेवी पाण्डेय ने गत 16 अगस्त को दावा किया था कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किये जाने के विरोध में आयोजित कैंडल मार्च में हिस्सा लेने से रोकने के लिये लखनऊ जिला प्रशासन ने उन्हें अपने घर में नजरबंद कर दिया था। 

इस बीच, लखनऊ के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने पाण्डेय के आरोपों को गलत करार देते हुए कहा कि पाण्डेय को इको गार्डन में धरना देने से किसने रोका है? चूंकि उच्च न्यायालय ने पाबंदी लगायी है, लिहाजा उन्हें हजरतगंज में प्रदर्शन नहीं करने दिया गया। आखिर वह ऐसी जगह ही क्यों चुनते हैं, जहां प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी जा सकती। 

उन्होंने कहा कि पाण्डेय से पहले ही इको गार्डन में धरना देने को कहा गया था, मगर उन्होंने वह बात नहीं मानी। जहां तक उन्हें नजरबंद करने की बात है तो ऐसा कुछ भी नहीं किया गया था। 

Web Title: Magsaysay Award Winner Sandeep Pandey detained by up police

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