मदरसों को आतंक के गढ़ के रूप में किया जा रहा है इस्तेमाल: मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा
By रुस्तम राणा | Published: August 29, 2022 04:59 PM2022-08-29T16:59:24+5:302022-08-29T17:01:51+5:30
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आरोप लगाया है कि आतंकवादी संगठन अल कायदा द्वारा इस सुविधा का उपयोग प्रशिक्षण शिविर के रूप में किया जा रहा है।
गुवाहाटी:असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य में मदरसों को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। राज्य के मुख्यमंत्री ने सोमवार को कहा कि मदरसों का इस्तेमाल आतंक के गढ़ के रूप में किया जा रहा है।
दरअसल, राज्य के बारपेटा जिले में एक निजी मदरसे को प्रशासन ने सोमवार को ध्वस्त कर दिया। प्रशासन के मुताबिक यह मदरसा सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई थी और इसका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए प्रशिक्षण शिविर के रूप में किया जा रहा था।
इस पर राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा: "यह दूसरा मदरसा है जिसे हमने (असम में) ध्वस्त किया है क्योंकि इन संस्थानों को आतंकवाद के केंद्र के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था।" मुख्यमंत्री सरमा ने आरोप लगाया कि आतंकवादी संगठन अल कायदा द्वारा इस सुविधा का उपयोग प्रशिक्षण शिविर के रूप में किया जा रहा है।
बता दें कि मदरसे को ध्वस्त शनिवार को बारपेटा में दो भाइयों, अकबर अली और अब्दुल कलाम आज़ाद की गिरफ्तारी के बाद हुआ। दोनों निजी तौर पर जमीउल हुडा अकादमी मदरसा बनाया था। कथित तौर पर भाइयों के अल कायदा समर्थित जिहादी मॉड्यूल से संबंध थे।
पुलिस ने दावा किया कि गिरफ्तार किए गए व्यक्ति अल कायदा के बारपेटा मॉड्यूल के प्रमुख सदस्य थे, जो बांग्लादेशी आतंकवादी गुर्गों को परिवहन और अन्य रसद सहायता प्रदान करते थे। दोनों के पास से एक कार भी जब्त की गई है।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि ध्वस्त किए गए मदरसे का इस्तेमाल बांग्लादेशी मोहम्मद सुमन ने भी किया था, जिन्हें पहले गिरफ्तार किया गया था। वह असम में एक्यूआईएस (अल-कायदा इन इंडियन सबकोंटिनेंट) समर्थित स्लीपर सेल का मास्टरमाइंड में से एक था और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी), बांग्लादेश में स्थित एक प्रतिबंधित कट्टरपंथी आतंकवादी समूह का सदस्य था। पुलिस के मुताबिक, सुमन एक शिक्षक की आड़ में जमीउल हुडा अकादमी मदरसा में रहता था।