मध्य प्रदेश: अवैध रूप से बने चर्च ऑफ नार्थ इंडिया ट्रस्ट एसोसिएशन समेत तीन ईसाई मिशनरियों पर चला बुलडोजर

By राजेश मूणत | Published: February 16, 2023 05:38 PM2023-02-16T17:38:06+5:302023-02-16T17:53:16+5:30

चर्च की तरफ से कोर्ट में तर्क दिया गया कि मिशन कंपाउंड व चर्च की 5.890 हैक्टेयर भूमि पर 100 वर्षों से ज्यादा समय से उनका आधिपत्य है। पिछले साल 14 अक्टूबर को यहां अतिक्रमण बताकर कार्रवाई की गई जबकि इसके पहले कभी भी अतिक्रमणकारी नहीं बताया गया।

Madhya Pradesh Three Christian missionaries including the illegally formed Church of North India Trust Association were bulldozed | मध्य प्रदेश: अवैध रूप से बने चर्च ऑफ नार्थ इंडिया ट्रस्ट एसोसिएशन समेत तीन ईसाई मिशनरियों पर चला बुलडोजर

फाइल फोटो

Highlightsरतलाम में चर्च द्वारा भूमि अधिग्रहित करने के मामले में प्रशासन ने की कार्रवाई कई सालों से प्रशासन की भूमि पर चर्च का था अवैध कब्जा मामला कोर्ट में था, जहां अदालत के आदेश के बाद भूमि पर अतिक्रमण को हटा दिया गया

रतलाम: चर्च ऑफ नार्थ इंडिया ट्रस्ट एसोसिएशन सहित तीन अन्य ईसाई मिशनरियों के अवैध कब्जे की करोड़ों रुपए मूल्य की भूमि को जिला प्रशासन ने मुक्त कराने की कार्रवाई की है। न्यायालयीन में प्रचलित इस मामले मे मिशनरी भूमि की मालिक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए और निषेधाज्ञा नहीं मिलने पर हुई इस कार्रवाई में प्रशासन ने 16 हजार वर्गमीटर जमीन को अपने कब्जे में लिया। रतलाम नगर के सैलाना बस स्टैंड स्थित मिशन कंपाउंड की मिशनरी के कब्जे की करोड़ों की जमीन अब प्रशासन के कब्जे में आ गई है। प्रशासन ने आज सुबह जल्द कब्जा लेने की कार्रवाई शुरू की। 

प्रशासन ने मिशनरियों के अवैध कब्जे में चली आ रही इस भूमि पर कब्जे के लिए वहां स्थित जर्जर भवनो को जमींदोज कर दिया। रतलाम शहर की सीमा के सर्वे क्रमांक 87 की यह जमीन आज अनमोल कहीं जा सकती है। प्रशासन के अनुसार, आज की कार्रवाई में 16 हजार वर्गमीटर जमीन को कब्जे में लिया है। शहर के मध्य भाग में स्थित इस 16 हजार वर्गमीटर जमीन को बेशकीमती माना जाता हैं इसलिए प्रशासन की कार्रवाई पर शहर भर की नजरें थी। सवेरे से इस क्षेत्र मे लोगों का मजमा लग गया था। 

मिशनरी को कोर्ट से भूमि रखने का नहीं मिला आदेश 

मिशनरी की तरफ से कोर्ट में स्टे आर्डर लेने के लिए दावा प्रस्तुत किया गया था। तीन अलग-अलग संस्थानों ने प्रशासन के कब्जा लेने के आदेश को चुनौती देते हुए कार्रवाई को रोकने और स्टे देने के लिए दावा किया था। सुनवाई के बाद जिला प्रधान न्यायाधीश ने दावे को खारिज करते हुए स्टे देने से इनकार कर दिया । बताया जाता है कि कोर्ट ने कहा कि मिशनरी अपनी तरफ से मिल्कियत संबंधी कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए।

शासन की तरफ से लोक अभियोजक विमल छिपानी ने बताया कि चर्च ऑफ नार्थ इंडिया ट्रस्ट एसोसिएशन ने संयुक्त पॉवर ऑफ अटार्नी होल्डर एडवर्ड मगनजी व राइट रेव्हरेंट मनोज चारण, चर्च ऑफ नार्थ इंडिया ट्रस्ट एसोसिएशन डायोसिस ऑफ भोपाल-इंदौर की तरफ से रतलाम स्थित चर्च ऑफ नार्थ इंडिया की संपत्ति के सचिव हेमेंत वाल्टर और चर्च ऑफ इंडिया ट्रस्ट एसोसिएशन डायोसिस भोपाल-इंदौर की तरफ से रतलाम स्थित प्रेसबिटर इंचार्ज फादर रेव्हरेंट सेमसनदास की तरफ से स्टे के लिए कोर्ट में केस लगाया था। इसमें उन्होंने मध्य प्रदेश शासन के कलेक्टर रतलाम, एसडीएम रतलाम शहर और तहसीलदार रतलाम शहर प्रतिवादी बनाया था।

चर्च ने दिया तर्क 

चर्च की तरफ से कोर्ट में तर्क दिया गया कि मिशन कंपाउंड व चर्च की 5.890 हैक्टेयर भूमि पर 100 वर्षों से ज्यादा समय से उनका आधिपत्य है। पिछले साल 14 अक्टूबर को यहां अतिक्रमण बताकर कार्रवाई की गई जबकि इसके पहले कभी भी अतिक्रमणकारी नहीं बताया गया। मिशन कंपाउंड में तोडफोड़ या किसी तरह की अन्य शासकीय कार्रवाई रोकने के लिए उन्होंने निषेधाज्ञा की मांग करते हुए कोर्ट में वाद प्रस्तुत किया था। कोर्ट ने निषधाज्ञा देने से मना कर दिया। 

Web Title: Madhya Pradesh Three Christian missionaries including the illegally formed Church of North India Trust Association were bulldozed

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