मध्यप्रदेश: चमगादड़ बने सरकार की मुसीबत, मंत्री ने दिए अल्ट्रासोनिक डिवाइस लगाने के निर्देश
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 16, 2019 05:38 AM2019-06-16T05:38:49+5:302019-06-16T05:38:49+5:30
राज्य में बिजली की कटौती को लेकर सरकार लगातार भाजपा के विरोध का सामना कर रही है. भाजपा पर आरोप लगाने के बाद अब यह बात सामने आई है कि राजधानी भोपाल सहित कई जिलों में चमगादड़ों के कारण बिजली गुल हो रही है.
मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार के लिए चमगादड़ मुसीबत बन गए हैं. राजधानी भोपाल सहित कई जिलों में ये बिजली गुल करा रहे हैं. इसके चलते ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने निर्देश दिए हैं कि चमगादड़ों द्वारा होने वाले फाल्ट को दूर करने के लिए अल्ट्रासोनिक डिवाइस लगाई जाए.
राज्य में बिजली की कटौती को लेकर सरकार लगातार भाजपा के विरोध का सामना कर रही है. भाजपा पर आरोप लगाने के बाद अब यह बात सामने आई है कि राजधानी भोपाल सहित कई जिलों में चमगादड़ों के कारण बिजली गुल हो रही है. बताया जाता है कि राजधानी भोपाल में बड़ी झील के किनारे लगे पेड़ों पर वर्षो से चमगादड़ों का बसेरा है.
इन्हीं पेड़ों के नीचे से बिजली की लाईने निकली हैं. अक्सर चमगादड़ इन लाईनों से टकरा जाती है, जिसके कारण लाइन में फाल्ट आ जाता और घंटों बिजली गुल हो जाती है. राजधानी में बड़े तालाब, छोटे तालाब, कमला पार्क सहित नये भोपाल में कई स्थानों पर चमगादड़ों का बसेरा है, जो बिजली कटौती के लिए परेशानी का कारण बन गया है. राजधानी के अलावा कई जिलों में भी इस तरह की बिजली गुल होने का कारण चमगादड़ बने हुए हैं.
इसे लेकर जब बिजली विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों ने जानकारी दी तो ऊर्जा मंत्री ने चमगादड़ों द्वारा होने वाले फाल्ट का दूर करने के लिए अल्ट्रासोनिक डिवाइस लगाने के निर्देश दिए.
अधिकारी सभी फोन अटेंड करें
ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के कार्यों और बिजली आपूर्ति की समीक्षा के दौरान ट्रांसफार्मरों की जांच के लिए टेक्निकल टीम गठित की जाएगी. जनरल मैनेजर और अन्य अधिकारी क्षेत्र का लगातार दौरा करें. एक जनवरी से अभी तक 60 हजार ट्रांसफार्मर बदले जा चुके हैं.
उन्होंने भोपाल, होशंगाबाद एवं ग्वालियर संभाग के सभी जिलों की अलग-अलग समीक्षा की. सिंह ने कहा कि अधिकारी सभी फोन अटेंड करें. फोन पर मिलने वाली शिकायतों का त्वरित निराकरण करें। जूनियर इंजीनियर के स्तर पर वाट्सएप ग्रुप बनायें, जिसमें शटडाउन एवं ट्रिपिंग आदि के बारे में जानकारी शेयर करें. ग्रुप में जन-प्रतिनिधि, पत्रकार, व्यापारी एवं किसानों को शामिल किया जाए. जरूरी कार्यो के लिए शटडाउन सुबह 6 से 10 बजे के बीच लें.