BJP विधायक नारायण त्रिपाठी पार्टी में नहीं जाएंगे वापस, लड़ेंगे उपचुनाव

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: July 28, 2019 08:24 PM2019-07-28T20:24:33+5:302019-07-28T20:24:33+5:30

मध्य प्रदेशः ​​​​​​​नारायण त्रिपाठी ने तो साफ कह दिया कि वे भाजपा में वापस नहीं जाएंगे. उन्होंने इस बात के संकेत दिए हैं कि वे मैहर से ही उपचुनाव लड़कर वापस सदन पहुंचेंगे. यही स्थिति शरद कोल को लेकर है, जिसके कारण भाजपा नेतृत्व और भी चिंता में पड़ गया है.

Madhya pradesh: Rebel BJP MLA Narayan Tripathi will not return in party | BJP विधायक नारायण त्रिपाठी पार्टी में नहीं जाएंगे वापस, लड़ेंगे उपचुनाव

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Highlightsमध्य प्रदेश की विधानसभा में भाजपा के विधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कौल द्वारा क्रास वोटिंग करने के बाद भाजपा में तेज हुई सियासी उठापटक थम नहीं रही है.भाजपा के दो पूर्व मंत्रियों द्वारा दोनों विधायकों को मनाने के सारे प्रयास असफल होते नजर आ रहे हैं. 

मध्य प्रदेश की विधानसभा में भाजपा के विधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कौल द्वारा क्रास वोटिंग करने के बाद भाजपा में तेज हुई सियासी उठापटक थम नहीं रही है. भाजपा के दो पूर्व मंत्रियों द्वारा दोनों विधायकों को मनाने के सारे प्रयास असफल होते नजर आ रहे हैं. 

नारायण त्रिपाठी ने तो साफ कह दिया कि वे भाजपा में वापस नहीं जाएंगे. उन्होंने इस बात के संकेत दिए हैं कि वे मैहर से ही उपचुनाव लड़कर वापस सदन पहुंचेंगे. यही स्थिति शरद कोल को लेकर है, जिसके कारण भाजपा नेतृत्व और भी चिंता में पड़ गया है.

भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कोल द्वारा दंड संशोधन विधेयक के दौरान क्रास वोटिंग कर पाला बदलने को लेकर भाजपा हासिए पर होती नजर आ रही है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह द्वारा लगातार यह कहा जा रहा है कि सबकुछ ठीक है, मगर भाजपा में अब कलह सड़क पर दिखाई देने लगी है. 

प्रदेश संगठन ने दोनों विधायकों से चर्चा करने के लिए दो पूर्व मंत्रियों राजेन्द्र शुक्ल और भूपेन्द्र सिंह को जिम्मेदारी सौंपी थी, जो दोनों ही विधायकों को मनाने में असफल रहे हैं. इसके बाद साफ हो गया है कि दोनों विधायक भाजपा से जल्द ही नाता तोड़ लेंगे.

वैसे मैहर के विधायक नारायण त्रिपाठी ने तो साफ संकेत दिए हैं कि वे भाजपा में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने तय किया कि अगर विधानसभा में दलबदल कानून के तहत या फिर भाजपा उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करती है तो वे विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे और उपचुनाव लड़ेंगे. 

सूत्रों की माने तो कांग्रेस की रणनीति भी यही है कि दोनों विधायकों पर भाजपा क्या कदम उठाती है. अगर भाजपा विधायकों को निलंबित करती है या फिर कोई कार्रवाई करती है तो इस्तीफा दिलाकर उपचुनाव में दोनों को प्रत्याशी बनाया जाए.

केन्द्रीय नेतृत्व करेगा विधायकों से चर्चा

भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के बीच गुटबाजी की बात जब सामने आई तो अब भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने पूरा मामला अपने हाथों में ले लिया है. बताया जा रहा है कि अब केन्द्रीय नेतृत्व ही यह तय करेगा कि उसे मध्यप्रदेश में किस रणनीति पर काम करना है. सूत्रों की माने तो 1 अगस्त को कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा भोपाल आ सकते हैं. वे सभी विधायकों से अलग-अलग बात करेंगे. इस बैठक में भाजपा ने अपने सभी 108 विधायकों को बुलाने की बात कही है. भाजपा की ओर से नारायण त्रिपाठी और शरद कोल को भी बैठक में बुलाया जाएगा.

Web Title: Madhya pradesh: Rebel BJP MLA Narayan Tripathi will not return in party

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