मध्यप्रदेश में कांग्रेस संगठन और सरकार दोनों संयुक्त रुप से कमलनाथ सरकार की ब्रांडिंग करने के लिए 15 जनवरी से मैदान में उतरेंगे. मंत्री, संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर किसान कर्ज माफी की ब्रांडिंग करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ के फोटो लगे आवेदन भरवाएंगे.
लोकसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश भाजपा द्वारा किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने की रणनीति बनाए जाने के बाद अब कांग्रेस और सरकार ने किसानों के बीच पहुंचकर सरकार की ब्रांडिंग करने का फैसला लिया है.
खुद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्रियों के साथ की अनौपचारिक बैठक में मंत्रियों से कहा कि वे गांव-गांव जाएं और किसान कर्ज माफी का आवेदन किसानों से भरवाएं. कमलनाथ ने मंत्रियों से कहा कि वे भाजपा द्वारा किए जा रहे दुष्प्रचार का जवाब दें. गांव-गांव जाकर कर्ज माफी की ब्रांडिंग करें और अब मैदान में दिखाई दें.
वहीं संगठन ने भी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को इस बात के निर्देश दिए हैं कि वे भी सक्रियता दिखाएं. सत्ता और संगठन दोनों ही 15 जनवरी से मैदान में दिखाई देंगे. 15 जनवरी को मुख्यमंत्री कमलनाथ खुद राजधानी भोपाल में वे किसानों के आवेदन भरने की प्रक्रिया की शुरुआत करेंगे.
इस अवसर पर वे कुछ किसानों के फार्म भी भरवाएंगे. जबकि मंत्री और संगठन पदाधिकारियों के अलावा विधायक एवं जनप्रतिनिधि भी गांव-गांव पहुंचकर किसानों के आवेदन फार्म भरवाएंगे.
भाजपा भी हुई सक्रिय
किसान कर्ज माफी की घोषणा के बाद सरकार बनने के साथ ही भाजपा इसे मुद्दा बना रही है. भाजपा लगातार इस मामले को लेकर यह आरोप लगाती रही कि कांग्रेस भ्रम फैला रही है. भाजपा ने भी मोर्चा, प्रकोष्ठों के साथ पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को किसानों के बीच पहुंचकर किसान कर्ज माफी को लेकर मुद्दा बनाने की बात कही है.
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पाला पीड़ित किसानों का दर्द जानने प्रदेश यात्रा पर निकलने वाले हैं. वे भी 15 से 20 जनवरी के बीच अपनी यात्रा शुरू करने की तैयारी कर रहे है. इसकी जिÞम्मेदारी भाजपा प्रदेश किसान मोर्चा को दी गयी है. किसानों के मुद्दे को लेकर भाजपा पूरे प्लान के साथ फिर मैदान में उतरने की तैयारी में है. 16 जनवरी को वो प्रदेश के हर जिला मुख्यालय में ज्ञापन सौंपेगी. इसके जरिए पार्टी पाला पीड़ित किसान को राहत और सोयाबीन पर समर्थन मूल्य देने की मांग करेगी.