मध्य प्रदेश में की जा रही नई पहल, मालवा-निमाड़ में 7,500 स्थानों पर सूरज की किरणों से तैयार हो रही बिजली

By मुकेश मिश्रा | Published: March 15, 2023 02:39 PM2023-03-15T14:39:02+5:302023-03-15T14:49:34+5:30

अब शहरी सीमा में लगभग 4,500 स्थानों पर पैनल्स लगी है। इस तरह प्रतिदिन लगभग दो लाख यूनिट बिजली तैयार हो रही है।

Madhya Pradesh Malwa-Nimar electricity is being generated from the sun's rays at 7500 places | मध्य प्रदेश में की जा रही नई पहल, मालवा-निमाड़ में 7,500 स्थानों पर सूरज की किरणों से तैयार हो रही बिजली

फाइल फोटो

Highlightsमध्य प्रदेश के मालवा-निमाड़ में सौर ऊर्जा से बिजली बनाने की नई पहल गर्मियों के मौसम में अधिक उत्पादन की उम्मीदबताया जा रहा है एक किलो वाट के सौर ऊर्जा संयंत्र से 6 यूनिट तक बिजली मिल जाती है।

इंदौर: सौर ऊर्जा के प्रति नागरिकों में उत्साह बढ़ता जा रहा है। एक माह में शहरी सीमा में 160 उपभोक्ताओं ने इस ओर रुचि दिखाकर पैनल्स लगवाये हैं। अब शहर सीमा, सुपर कॉरिडोर, बायपास आदि क्षेत्रों में कुल 4500 स्थानों पर सूरज की किरणों से पैनल्स के माध्यम से बिजली उत्पादन हो रहा है, यह बिजली नेट मीटर में होकर लाइनों में प्रवाहित हो रही है।

मध्य प्रदेश के पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया कि कंपनी क्षेत्र में एक माह के दौरान लगभग पौने तीन सौ उपभोक्ता नेट मीटर प्रणाली से जुड़े है। इसमें से सबसे ज्यादा इंदौर शहरी सीमा के पास लगभग 160 उपभोक्ता छतों, परिसर, मैदान इत्यादि स्थानों पर पैनल्स लगाकर बिजली उत्पादन के लिए कार्य प्रारंभ कर चुके है।

अब शहरी सीमा में लगभग 4,500 स्थानों पर पैनल्स लगी है। इस तरह प्रतिदिन लगभग दो लाख यूनिट बिजली तैयार हो रही है। मालवा निमाड़ में अब तक करीब साढ़े सात हजार उपभोक्ता रूप टॉप सोलर नेट मीटर प्रक्रिया अपना चुके है। इन के मौजूदा बिल मात्र अंतर राशि के ही दिए जा रहे है।

तोमर ने बताया कि मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा इंदौर शहर में ही पैनल्स लगी है। इंदौर के बाद बिजली कंपनी क्षेत्र के उज्जैन जिले में 955 स्थानों पर, रतलाम जिले में 310, खरगोन जिले में 250 स्थानों पर, नीमच जिले में 190 स्थानों पर, धार जिले में 180 स्थानों पर सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन किया जा रहा है।

तोमर ने बताया कि वर्तमान में कंपनी क्षेत्र में 80 मैगावॉट से ज्यादा के नेट मीटर संयंत्रों की स्थापना हो चुकी है। प्रतिमाह यह क्षमता बढ़ती जा रही है। प्रबंध निदेशक तोमर ने बताया कि ग्रीन एनर्जी, कार्बन उत्सर्जन में कमी, बिजली बिल में कमी के लिए यह जन आकर्षण काफी सकारात्मकता दर्शाता है।

ग्रीष्मकाल में ज्यादा उत्पादन
 
ग्रीष्मकाल में सूरज की किरणों की उपलब्धता अधिकतम तेरह घंटे तक हो जाती है। इस तरह पैनलों से शीत काल की तुलना में तीस फीसदी तक ज्यादा बिजली तैयार होती है। एक किलो वाट के सौर ऊर्जा संयंत्र से 6 यूनिट तक बिजली मिल जाती है। शहर में कई जगह पचास किलो वाट के भी संयंत्र लगे है।

Web Title: Madhya Pradesh Malwa-Nimar electricity is being generated from the sun's rays at 7500 places

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