मध्य प्रदेश में संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले भरेंगे दोगुना हर्जाना, यूपी और हरियाणा की तर्ज पर बन रहा कानून
By विशाल कुमार | Published: November 4, 2021 09:32 AM2021-11-04T09:32:56+5:302021-11-04T09:36:13+5:30
फिलहाल इस कानून का नाम मध्य प्रदेश सार्वजनिक और निजी संपत्ति क्षति समाधान और वसूली विधेयक, 2021 रखा गया है. इस विधेयक को नवंबर के अंत में होने वाले प्रदेश विधानसभा के शीत सत्र के दौरान लाए जाने की संभावना है.
भोपाल: उत्तर प्रदेश और हरियाणा की भाजपा सरकारों की राह पर चलते हुए मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार भी सांप्रदायिक दंगों, विरोध प्रदर्शनों और रैलियों में सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्तियों या समूहों से दोगुना हर्जाना वसूलने का कानून लाने जा रही है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, फिलहाल इस कानून का नाम मध्य प्रदेश सार्वजनिक और निजी संपत्ति क्षति समाधान और वसूली विधेयक, 2021 रखा गया है. इस विधेयक को नवंबर के अंत में होने वाले प्रदेश विधानसभा के शीत सत्र के दौरान लाए जाने की संभावना है.
विधेयक में सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के तहत सिविल कोर्ट की शक्तियों के साथ राज्य भर में क्लेम ट्रिब्यूनल के गठन का भी प्रावधान किया गया है.
इन ट्रिब्यनलों को नुकसान का दोगुना हर्जाना वसूलने का अधिकार होगा और आदेश के 15 दिनों में वसूली नहीं होने पर ब्याज भी लगाने का अधिकार होगा.
यही नहीं, ट्रिब्यनलों को मुकदमा लड़ने में खर्च की गई राशि का भी मुआवजा दिलाने का अधिकार होगा. 15 दिन में हर्जाना नहीं चुकाने पर जिलाधिकारी को वसूली का अधिकार दिया जाएगा. हालांकि, हर्जाने के लिए 30 दिनों के अंदर आवेदन करना होगा.
नुकसान की भरपाई उन लोगों से की जाएगी, जो इसके लिए जिम्मेदार हैं और जिन्होंने इस घटना को उकसाया है या दूसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए प्रोत्साहित किया है.
ट्रिब्यूनल में मामलों को तीन महीने के भीतर सुलझा लिया जाएगा और इसके आदेश को केवल हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकती है.
बता दें कि, पिछले साल सीएए विरोधी प्रदर्शनों में हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने निजी या सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों से हर्जाना वसूलने का कानून लाया था. इसके बाद हरियाणा से भी ऐसा ही कानून लाया था.