खरगोन दंगा: 'एक आरोपी अस्पताल में था और दूसरा कर्नाटक में', दो आरोपियों के परिजनों ने किया दावा, एफआईआर पर उठाए सवाल

By विशाल कुमार | Published: April 18, 2022 12:25 PM2022-04-18T12:25:42+5:302022-04-18T12:28:02+5:30

बीते 10 नवंबर को रामनवमी के मौके पर मध्य प्रदेश के खरगोन में सांप्रदायिक हिंसा हो गई थी। इसके बाद राज्य सरकार आरोपियों के घरों को बुलडोजर से गिराने के साथ बेहद सख्त कार्रवाई कर रही है। वहीं, सरकार पर केवल मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने का आरोप लग रहा है।

madhya pradesh khargone riots fir accused family members claims | खरगोन दंगा: 'एक आरोपी अस्पताल में था और दूसरा कर्नाटक में', दो आरोपियों के परिजनों ने किया दावा, एफआईआर पर उठाए सवाल

खरगोन दंगा: 'एक आरोपी अस्पताल में था और दूसरा कर्नाटक में', दो आरोपियों के परिजनों ने किया दावा, एफआईआर पर उठाए सवाल

Highlightsबीते 10 नवंबर को रामनवमी के मौके पर मध्य प्रदेश के खरगोन में सांप्रदायिक हिंसा हो गई थी।फरीद और आजम पर दंगा करने और निवासियों के घरों में आग लगाने का आरोप है।फरीद के परिवार ने कहा कि जिला अस्पताल के ऑर्थोपेडिक ट्रॉमा वार्ड में उनका इलाज चल रहा था।

भोपाल:मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी के दिन हुए दंगा के मामले में आरोपी बनाए गए दो लोगों के परिवारों ने दावा किया है कि वे दोनों मौके पर मौजूद ही नहीं थे।

बता दें कि, बीते 10 नवंबर को रामनवमी के मौके पर मध्य प्रदेश के खरगोन में सांप्रदायिक हिंसा हो गई थी। इसके बाद राज्य सरकार आरोपियों के घरों को बुलडोजर से गिराने के साथ बेहद सख्त कार्रवाई कर रही है। वहीं, सरकार पर केवल मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने का आरोप लग रहा है।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, फरीद को खरगोन पुलिस थाने में 11 और 12 अप्रैल को दर्ज दंगा के दो मामलों में आरोपी बनाया गया है। आजम 12 अप्रैल के मामले में फरीद के साथ सह-आरोपी है। दोनों पर 10 अप्रैल को खरगोन के संजय नगर में दंगा करने और निवासियों के घरों में आग लगाने का आरोप है।

फरीद के परिवार ने कहा कि गिरने के कारण घायल होने के बाद जिला अस्पताल के ऑर्थोपेडिक ट्रॉमा वार्ड में उनका इलाज चल रहा था। उन्होंने कहा कि अब उन्हें फरीद के बारे में कोई जानकारी नहीं है और उनका फोन 11 अप्रैल से बंद है।

परिवार ने अपने दावे के समर्थन में अस्पताल से छुट्टी के दस्तावेज दिखाए। 12 अप्रैल को दर्ज प्राथमिकी में फरीद के भाई रफीक (अंजुम बी के पति) और पिता सुभान भी 11 आरोपियों में शामिल हैं।

वहीं, सह आरोपी आजम बेकरी उत्पाद पहुंचाने के लिए कर्नाटक गए थे। उनकी पत्नी फरीदा ने बताया कि वह 8 अप्रैल को बेकरी उत्पादों के साथ कर्नाटक के लिए खरगोन से रवाना हुए थे। वहां से वह महाराष्ट्र के सोलापुर और धुले गए। वापस आते समय वह 14 अप्रैल को इंदौर पहुंचे। फिर उन्होंने हमें फोन किया और कहा कि एफआईआर में उसका नाम झूठा है। तब से उसका पता नहीं चल रहा है।

मामले के बारे में पूछे जाने पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अंकित जायसवाल ने कहा कि पीड़ितों की शिकायतों पर सभी प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। अगर आरोपियों के परिजनों के आरोप सही पाए जाते हैं तो जांच के दौरान सुधारात्मक कार्रवाई की जाएगी।

इससे पहले, मध्य प्रदेश पुलिस की हालिया झड़पों की जांच तब सवालों के घेरे में आ गई थी, जब मार्च से जेल में बंद तीन लोगों को बड़वानी जिले में हिंसा से संबंधित एक मामले में आरोपी बनाया गया था।

Web Title: madhya pradesh khargone riots fir accused family members claims

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