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मध्यप्रदेश: भोपाल में सड़कों पर उतरा किसान, कई लीटर बहाया दूध

By राजेंद्र पाराशर | Updated: May 29, 2019 20:18 IST

आम किसान यूनियन और राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने किसानों के मांगों को लेकर पहले चरण में आज से आंदोलन की चेतावनी दी थी. इसके तहत आम किसान यूनियन के अनिल यादव के नेतृत्व में प्रदेश में किसान सड़क पर उतरे.

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ठळक मुद्देराष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने 1 जून से प्रस्तावित हड़ताल वापस ले ली है.आंदोलनकारी किसानों का दावा है कि देवास, धार, उज्जैन, राजगढ़ में आंदोलन के चलते सब्जियों और दूध की आपूर्ति प्रभावित हुई है. वहीं प्रदेश के महानगर ग्वालियर, इंदौर और जबलपुर में हर जगह शांति है.

राजधानी में आज (29 मई) फिर आम किसान यूनियन के नेतृत्व में किसान सड़क पर उतरे. किसानों ने दूध सड़कों पर बहाया और सब्जियां फेंक कर विरोध किया. वहीं राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से चर्चा के बाद हड़ताल वापस ले ली. मुख्यमंत्री ने कर्जमाफी के निराकरण के लिए एक समिति बनाने की बात किसान नेताओं से चर्चा में कही. यह समिति तय वक्त के अंदर किसानों के मामले निपटाएगी.

आम किसान यूनियन और राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने किसानों के मांगों को लेकर पहले चरण में आज से आंदोलन की चेतावनी दी थी. इसके तहत आम किसान यूनियन के अनिल यादव के नेतृत्व में प्रदेश में किसान सड़क पर उतरे. इस बार मालवा के साथ किसानों की नाराजगी का असर राजधानी भोपाल में भी देखने को मिला. मंगलवार को कृषि मंत्री सचिन यादव के साथ जब बातचीत विफल हो गई तो अनिल यादव के नेतृत्व में आज सुबह से आंदोलन शुरु हुआ.

राजधानी में कुछ किसानों ने प्रदर्शन किया और दूध सड़कों पर बहाया. साथ ही सब्जियां भी सड़कों पर फेंक कर विरोध जताया. भोपाल में जरूर भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों ने प्रदर्शन किया. प्रतीकात्मक रूप में एक किसान को दूध से नहलाकर विरोध जताया. वैसे राजधानी मेें ज्यादा असर नजर नहीं आया, सब्जियों और दूध की आपूर्ति पिछले दिनों की तरह सामान्य तौर पर जारी है. आंदोलनकारी किसानों का दावा है कि देवास, धार, उज्जैन, राजगढ़ में आंदोलन के चलते सब्जियों और दूध की आपूर्ति प्रभावित हुई है. वहीं प्रदेश के महानगर ग्वालियर, इंदौर और जबलपुर में हर जगह शांति है.

मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद कक्काजी ने वापस ली हड़ताल

राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने 1 जून से प्रस्तावित हड़ताल वापस ले ली है. संगठन ने ये फैसला मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ हुई बैठक के बाद लिया. इस बैठक में मुख्यमंत्री ने कर्ज माफी के अलावा किसानों की अन्य मांगों पर जल्द कार्रवाई का भरोसा दिलाया, जिसके बाद किसान यूनियन ने ये फैसला लिया. बैठक मुख्यमंत्री कमलनाथ के अलावा कृषि मंत्री सचिन यादव, वित्त मंत्री तरुण भनोत के अलावा कई विभागों के प्रमुख सचिव मौजूद थे. बैठक में तय हुआ कि किसानों की कर्जमाफी के लिए एक निराकरण समिति बनाई जाएगी, जो तय वक्त के अंदर इस मसले को हल करेगी. बैठक में संगठन ने किसानों के मुद्दे पर सात दिन का विशेष सत्र बुलाने की भी मांग की है. भूमि अधिग्रहण कानून खत्म करने की मांग भी उठाई गई.

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