मध्य प्रदेश चुनावः कांग्रेस के गढ़ पर ही धावा बोलने की तैयारी में है ये पार्टी, अधर में एक और गठबंधन
By लोकमत न्यूज़ ब्यूरो | Published: October 24, 2018 06:58 PM2018-10-24T18:58:59+5:302018-10-24T18:58:59+5:30
गठबंधन न होने पर जयस द्वारा मालवा-निमाड़ अंचल की सीटों पर अपने प्रत्याशी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के चुनाव चिन्ह पर भी लड़वा सकता है।
- राजेन्द्र पाराशर
मध्य प्रदेश में कांग्रेस और जय युवा आदिवासी संगठन (जयस) के बीच गठबंधन का फंसा पेंच अब राहुल गांधी सुलझाएंगे। जयस ने कांग्रेस की गढ़ बनी कुक्षी सीट पर दावा ठोंक कर कांग्रेस को मुसीबत में डाल दिया है। इस सीट पर जयस के राष्ट्रीय संरक्षक डॉ. हीरालाल अलावा खुद चुनाव लड़ना चाह रहे हैं। जबकि इंदौर क्रमांक 5 विधानसभा सीट पर भी जयस ने दावा कर कांग्रेस को चिंता में डाला है। इस सीट पर व्यापमं घोटाले का पर्दाफाश करने वाले डॉ. आनंद राय को जयस मैदान में उतारना चाह रहा है।
जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन (जयस) और कांग्रेस के बीच लंबे समय से गठबंधन की चल रही चर्चा में उस वक्त ठहराव आ गया, जब जयस ने कांग्रेस का गढ़ बन चुकी कुक्षी सीट पर जयस उम्मीदवार को मैदान में उतारने की बात कहकर यह सीट मांग ली। इस सीट पर करीब 3 दशक से कांग्रेस का कब्जा है और वर्तमान में कांग्रेस के विधायक सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल हैं। कांग्रेस ने उन्हें फिर से उम्मीदवार बनाने के संकेत भी दिए हैं, जिसके चलते वे तैयारी कर चुके हैं। अब जबकि जयस ने इस सीट पर अपना दावा करते हुए गठबंधन की बात कही है तो कांग्रेस मुसीबत में आ गई है।
जयस-कांग्रेस के इस गठबंधन के पेंच को सुलझाने के लिए अब जयस संरक्षक डा। हीरालाल अलावा की चर्चा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से होनी है। इस चर्चा के बाद ही मामला सुलझने के आसार बताए जा रहे हैं। डॉ. अलावा पिछले लंबे समय से कुक्षी सीट को लक्ष्य करके काम कर रहे हैं, उन्होंने इसे अपनी कर्मभूमि बनाया है। जयस ने इंदौर क्रमांक पांच विधानसभा सीट भी गठबंधन के तहत मांगी है, जिस पर वह व्यापमं घोटाले का पर्दाफाश करने वाले डा। आनंद राय को मैदान में उतारना चाहते हैं। जयस की ओर से 40 सीटें गठबंधन के तहत मांगी गई थी, मगर कांग्रेस द्वारा 15 सीटें देने की बात कही गई। इन सब कारणों से यह पेंच फंसा है।
नहीं हुआ गठबंधन तो लड़ेंगे निर्दलीय
जयस को निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दल की मान्यता नहीं मिली है, इसके चलते संगठन ने अपने प्रत्याशी निर्दलीय के रूप में उतारने का फैसला किया है। डॉ. हीरालाल अलावा ने पूर्व में 80 सीटों पर अपने प्रत्याशी मैदान में उतारने का कहा था। जयस अगर गठबंधन नहीं होता है तो वह अपने प्रत्याशी निर्दलीय भी उतार सकता है। वहीं डॉ. राय को लेकर यह भी चर्चा है कि कांग्रेस उन्हें इंदौर क्रमांक पांच से मैदान में उतार सकती है।
डॉ. राय के अलावा जयस के कुछ प्रत्याशियों को कांग्रेस अपने दल में शामिल कर मैदान में उतारने की चर्चा भी कर रही है। जयस की चयन प्रक्रिया को लेकर आज कुक्षी में बैठक भी हुई और दावेदारों से आवेदन भी लिए। अगर कांग्रेस के साथ गठबंधन की बात नहीं बनी तो जयस अपने उम्मीदवार निर्दलीय के रूप में मैदान में उतारेगा। वैसे यह भी कहा जा रहा है कि गठबंधन न होने पर जयस द्वारा मालवा-निमाड़ अंचल की सीटों पर अपने प्रत्याशी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के चुनाव चिन्ह पर भी लड़वा सकता है।
(राजेन्द्र पाराशर लोकमत समाचार से जुड़े हैं)