भारतीय जनता पार्टी उन मंत्रियों और विधायकों को साफ कह दिया कि अगर वे सीट बदलकर चुनाव लड़ना चाह रहे हैं तो उन्हें सीट छोड़नी होगी या फिर चुनाव लड़ना होगा। भाजपा के सामने आधा दर्जन मंत्री और करीब दर्जनभर विधायक ऐसे थे जो सीट बदलकर चुनाव लड़ने के लिए प्रयास कर रहे थे।
भारतीय जनता पार्टी के सामने प्रत्याशी चयन के वक्त जो संकट खड़े हो रहे हैं, उससे संगठन अब खफा नजर आने लगा है। संगठन ने भी अब कड़ा रुख अपना लिया है। संगठन के सामने दावेदारों के अलावा आधा दर्जन मंत्री ऐसे थे, जो लगातार सीट बदलकर चुनाव लड़ने के लिए दबाव बना रहे थे।
मंत्रियों के अलावा राज्य के करीब एक दर्जन विधायक भी सीट बदलकर चुनाव लड़ने के लिए प्रयास कर रहे थे। लगातर दबाव को देख अब संगठन ने मंत्रियों और विधायकों को साफ कह दिया कि अगर उन्हें चुनाव लड़ना है तो वर्तमान सीट से ही मैदान में उतारना होगा, नहीं तो उन्हें चुनाव मैदान से हट जाना चाहिए।
इन मंत्री-विधायकों ने सत्ता-संगठन से सुरक्षित सीट से चुनाव लडने की मंशा जताई थी, क्योंकि पिछले पांच साल अपनी विधानसभा में कोई खास काम न करने से उनको लेकर जनता में गहरी नाराजगी है। साथ ही कार्यकर्ता भी रूठे हैं। इसलिए इन मंत्री-विधायकों की इच्छा है कि वे यदि अपनी सीट छोड़कर किसी अन्य से चुनावी मैदान में उतरते हैं तो शायद उनकी नैया पार हो जाएंगी, जिसको लेकर कई मंत्रियों ने कुछ विधायकों की सीट से अपनी दावेदारी ठोकी है।
संगठन ने ऐसे मंत्री-विधायकों को लेकर गहरी नाराजगी जताई है जो सीट बदलकर चुनाव लड़ना चाहते हैं। सूत्रों की माने तो संगठन पदाधिकारियों ने ऐसे मंत्रियों और विधायकों से कहा कि आपने पांच साल में क्या किया, जो आपकों विधानसभा क्षेत्र ही बदलने को विवश होना पड़ रहा है।
पार्टी का मानना है कि यदि इन मंत्री-विधायकों को दूसरी विधानसभा से चुनाव लड़ाया जाता है तो इनकी विधानसभा तो हारेंगे ही दूसरे विधानसभा क्षेत्र में भी इनके खिलाफ विरोध का सामना करना पड़ेगा। यही वजह है कि पार्टी ऐसे मंत्री-विधायकों को घर बैठना उचित मान रही है और उनकी जगह पर नए चेहरे को मौका देने की सोच रहीहै।
गौर के विस क्षेत्र में में CM शिवराज ने किया जनसंपर्क
भारतीय जनता पार्टी द्वारा चलाए गए घर-घर जनसंपर्क अभियान के तहत आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र पहुंचे। उन्होंने यहां पर घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क किया और भाजपा के पक्ष में मतदान करने की अपील की। गोविंदपुरा क्षेत्र से पूर्व विधायक बाबूलाल गौर लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं, यह क्षेत्र भाजपा का गढ़ बन गया है। भाजपा इस बार गौर को चुनाव मैदान में नहीं उतारना चाह रही है, लेकिन माना यह जा रहा है कि गौर की पुत्रवधू कृष्णा गौर को संगठन टिकट देगा, मगर परिवारवाद के विरोध के चलते गौर का विरोध भी इस क्षेत्र में हो रहा है। वहीं संघ ने भी बीते दिनों मुख्यमंत्री को बुधनी के साथ-साथ गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की सलाह दी थी। आज जब शिवराज इस क्षेत्र में जनसंपर्क के लिए गए तो भाजपा में राजनीति और गर्मा गई। हालांकि शिवराज सिंह चौहान ने यहां से चुनाव न लड़ने की बात कही है।