मध्य प्रदेश: आकाश विजयवर्गीय के समर्थन में लगे पोस्टर, शिक्षा मंत्री ने भाजपा पर साधा निशाना
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: June 28, 2019 08:59 PM2019-06-28T20:59:16+5:302019-06-28T20:59:16+5:30
मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने विधायक आकाश विजयवर्गीय के समर्थन में लगे पोस्टरों को लेकर कहा कि भाजपा किस तरह की संस्कृति दिखाना चाहती है, समझ से परे है. उन्होंने कहा कि भाजपा जनता का अपमान कर रही है.
मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने विधायक आकाश विजयवर्गीय के समर्थन में लगे पोस्टरों को लेकर कहा कि भाजपा किस तरह की संस्कृति दिखाना चाहती है, समझ से परे है. उन्होंने कहा कि भाजपा जनता का अपमान कर रही है.
राजधानी में मीडिया से चर्चा करते हुए पटवारी ने कहा कि गोडसे की संस्कृति को प्रतिपादित कर रही है. अधिकारियों को डरा कर भाजपा क्या साबित करना चाह रही है, समझ से परे है. उन्होंने भाजपा पर सवाल उठाए और कहा कि भाजपा इस तरह की संस्कृति अपनाकर जनता का अपमान कर रही है.
पटवारी ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और विधायक आकाश विजयवर्गीय के पिता कैलाश विजयवर्गीय से जानना चाहा कि उनके या फिर आकाश के खिलाफ कौन षडयंत्र कर रहा है. उन्हें बताना चाहिए. उन्होंने कहा कि इंदौर नगर निगम में महापौर भाजपा की, परिषद भाजपा की और आरोप कांग्रेस पर लगाया जा रहा है. मंत्री ने कैलाश विजयवर्गीय को सलाह दी कि वे भाजपा के लोगों के बच्चों को संस्कार दें. आपने जैसा बीज बोया वैसा ही फल मिला है.
लक्ष्मण ने कहा आकाश को क्षमा करना चाहिए
कमलनाथ सरकार को ट्वीट के जरिए लगातार घेरते आ रहे कांग्रेस विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने ट्वीट कर कहा है कि आकाश को क्षमा किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि एक वरिष्ठ भाजपा नेता का अधिकारियों को लेकर दिया बयान गाड़ी में आओग, घटिया पर जाओगे, अगर यही हमारी बात नहीं मानी तो. इन्हीं नेताओं से प्रेरणा आकाश विजयवर्गीय भी लेता रहा है. दोष वरिष्ठ नेताओं का है, आकाश का नहीं. इसलिए भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को इस पूरे प्रकरण के लिए माफी मांगनी चाहिए.
शिवराज ने दिया था नारा, आवेदन, निवेदन फिर दे दनादन
इंदौर के विधायक आकाश विजयवर्गीय द्वारा आवेदन, निवेदन और फिर दे दनादन की बात कहे जाने को लेकर भाजपा पर कई तरह के सवाल उठाए गए. दरअसल यह नाराज आकाश का नहीं, बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा दिया है.
पार्टी सूत्रों की माने तो दिग्विजय के शासनकाल में जब शिवराज सिंह चौहान भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष हुआ करते थे, उस वक्त वे कार्यकर्ताओं की बैठकों और सभाओं में इस नारे का खूब उपयोग करते और कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाते थे. इसके बाद जब राज्य में दिग्विजय शासनकाल की समाप्ति हुई और भाजपा की सरकार बनी तो भाजयुमो ने इस नारे को भुला दिया था, मगर अब फिर आकाश विजयवर्गीय ने शिवराज के इस नारे की याद दिला दी है.