मध्य प्रदेशः कमलनाथ मंत्रिमंडल के सदस्यों को आखिरकार आवंटित हुए विभाग, यहां पढ़ें पूरी लिस्ट
By शिवअनुराग पटैरया | Published: December 28, 2018 10:43 PM2018-12-28T22:43:49+5:302018-12-29T01:39:01+5:30
कमलनाथ मंत्रिमंडल के सदस्यों के विभाग वितरण को लेकर जारी विवाद शुक्रवार देर रात शांत हो गया। राहुल गांधी के हस्तक्षेप के बाद विभागों का वितरण कर दिया गया है।
मध्य प्रदेश की नवनिर्वाचित सरकार में विभागों के बंटवारे को लेकर जारी सिर फुटौव्वल पर शुक्रवार देर रात विराम लग गया। कमलनाथ मंत्रिमंडल के सदस्यों को विभाग आवंटित कर दिए गए हैं। विभाग को लेकर पिछले तीन-चार दिनों से प्रदेश कांग्रेस के विभिन्न गुटों के बीच जद्दोजहद चल रही थी। अंततोगत्वा विभागों के वितरण का मामला कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के पास जाकर ही निपटा।
मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री कमलनाथ के समक्ष मंत्रिमंडल के 28 सदस्यों के विभाग वितरण का मामला पिछले कई दिनों से पड़ा हुआ था। प्रदेश कांग्रेस के सभी महत्वपूर्ण दलों के नेता मसलन ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह और खुद कमलनाथ अपने अपने लोगों को महत्वपूर्ण विभाग दिलवाना चाह रहे थे। सबसे ज्यादा खींचतान ग्रह, परिवहन, लोक, स्वास्थ्य जैसी विभागों को लेकर थी।
इसके चलते विभिन्न गुटों के मंत्रों के बीच कुछ विभाग देकर और कुछ विभाग लेकर मामले को सुलझाया गया। खुद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उद्योग, नीति एवं निवेश, प्रशासन विभाग, जनसंपर्क विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, विभाग, लोक सेवा प्रबंधन विभाग, अप्रवासी भारतीय विभाग, तकनीकी, शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग अपने पास रखे हैं।
यहां पढ़ें सभी विभागों की पूरी लिस्टः-
Portfolios allocated to ministers in Madhya Pradesh pic.twitter.com/jTWU85fXVd
— ANI (@ANI) December 28, 2018
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— ANI (@ANI) December 28, 2018आधिकारिक जानकारी के अनुसार डॉ. विजय लक्ष्मी साधो को संस्कृति, चिकित्सा शिक्षा तथा आयुष विभाग का दायित्व सौंपा गया है । सज्जन सिंह वर्मा को लोक निर्माण तथा पर्यावरण विभाग आवंटित किये गये है । हुकुम सिंह कराड़ा जल संसाधन विभाग का दायित्व सम्भालेंगे। डॉ. गोविन्द सिंह को साहकारिता विभाग तथा संसदीय कार्य विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जबकि बाला बच्चन को गृह तथा जेल विभाग सौंपा गया है वे मुख्यमंत्री से भी संबद्ध रहेंगे।
मंत्रिमंडल में आरिफ अकील को भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम विभाग आवंटित किये गये है। बृजेन्द्र सिंह राठौर को वाणिज्य कर विभाग सौंपा गया है।
मंत्रिमंडल में शामिल एकमात्र निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल को खनिज साधन विभाग आवंटित किया गया है।
लाखन सिंह यादव को पशुपालन, मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास विभाग का दायित्व सम्भालेंगे। तुलसी सिलावट लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बनाये गये है। गोविन्द सिंह राजपूत राजस्व तथा परिवहन विभाग का दायित्व सम्भालेंगे। इमरती देवी को महिला एवं बाल विकास विभाग आवंटित किया गया है। ओमकार सिंह मरकाम जनजातीय कार्य विभाग, विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण विभाग मंत्री होंगे।
प्रभुराम चौधरी स्कूल शिक्षा मंत्री बनाये गये है। प्रियव्रत सिंह को ऊर्जा विभाग आवंटित किया गया है। सुखदेव पांसे लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मंत्री होंगे। उमंग सिंघार वन मंत्री बनाये गये है। हर्ष यादव को कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग तथा नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग आवंटित किया गया है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्धन सिंह, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री होंगे। जीतू पटवारी को खेल एवं युवा कल्याण तथा उच्च शिक्षा विभाग का दायित्व सौंपा गया है। कमलेश्वर पटेल पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री बनाये गये है तथा लखन घनघोरिया सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग तथा अनुसूचित जाति कल्याण का दायित्व सम्भालेंगे।
महेन्द्र सिंह सिसोदिया श्रम मंत्री होंगे। पी.सी. शर्मा विधि एवं विधायी कार्य विभाग के मंत्री बनाये गये है वे मुख्यमंत्री से भी संबद्ध रहेंगे। प्रद्यूम्न सिंह तोमर खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के मंत्री होंगे।
पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव के छोटे भाई सचिन सुभाष यादव को किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग और उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग का दायित्व सौंपा गया है। सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल को नर्मदा घाटी विकास विभाग तथा पर्यटन विभाग आवंटित किये गये है और तरूण भनोट को वित्त विभाग तथा योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग सौंपा गया है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 17 दिसंबर को मध्यप्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री के तौर पर यहां जम्बूरी मैदान में आयोजित एक भव्य समारोह में शपथ ग्रहण की। प्रदेश में 15 साल के भाजपा शासन के बाद कांग्रेस की सरकार बनी है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने 25 दिसंबर को अपने मंत्रिमंडल का गठन करते हुए 28 कैबिनेट मंत्री शामिल किये।
सरकार को समर्थन दे रहे बसपा और सपा विधायक मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किये गये हैं। मध्यप्रदेश में नवगठित विधानसभा का पहला सत्र 7 जनवरी से शुरु होगा।
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर