इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर में बालेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में रामनवमी पर आयोजित हवन के दौरान पुरातन बावड़ी की छत धंसने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 35 हो गई। रेस्क्यू ऑपरेशन भी फिलहाल जारी है। हादसे के बाद गुरुवार दोपहर से शुरू हुए बचाव अभियान के तहत बावड़ी का पानी खाली कर लापता लोगों की तलाश की जा रही है।
इस दौरान सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की मदद से चलाए गए बचाव अभियान के तहत करीब 20 लोगों को बावड़ी से बाहर निकालकर बचाया गया।
इस बीच इस हादसे पर जानकारी और पीड़ित परिवारों की मदद के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है। जिलाधिकारी डॉ. टी. इलैयाराजा ने मंदिर दुर्घटना में घायलों और लापता व्यक्तियों की जानकारी के लिए कंट्रोल रूम गठित करने की जानकारी दी। इस कंट्रोल रूम का टेलीफोन नंबर 0731 - 2535555 है। जिलाधिकारी ने बताया कि मंदिर में हुए हादसे की मजिस्ट्रेट जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रशासन ऐसे सार्वजनिक स्थानों को चिह्नित करेगा, जहां इस तरह के हादसे होने की आशंका है।
पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे का ऐलान
दूसरी ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, 'इंदौर में हुई दुर्घटना में नागरिकों के हताहत होने का समाचार अत्यंत दुःखद और हृदय विदारक है। ईश्वर से दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान देने और शोकाकुल परिजनों को यह असीम दुःख सहन करने की क्षमता प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं।'
उन्होंने कहा, 'दु:ख की इस घड़ी में हम सब शोकाकुल परिवारों के साथ हैं। मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये तथा घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की जायेगी। घायलों के इलाज की समुचित व्यवस्था की जा चुकी है। चिकित्सा का संपूर्ण व्यय प्रदेश सरकार वहन करेगी।'
अधिकारियों ने बताया कि मंदिर के संकरी जगह में बने होने के कारण बचाव कार्य में बाधा आई और इस दौरान मंदिर की एक दीवार तोड़ कर पाइप इसके भीतर डाला गया और बावड़ी का पानी मोटर से खींचकर बाहर निकाला गया।
इंदौर मंदिर हादसा: बावड़ी पर बना छत टूटने से हुई दुर्घटना
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि धार्मिक कार्यक्रम के दौरान मंदिर में पुरातन बावड़ी को ढकने के लिए बनाए गए छत पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ थी। छत ज्यादा लोगों का बोझ नहीं सहन कर सकी और अचानक गिर गई। रहवासियों ने बताया कि मंदिर पुरातन बावड़ी पर छत डालकर बनाया गया था। हादसे के बाद मंदिर के आस-पास उन चिंतित लोगों की भीड़ जुट गई जिनके परिजन हादसे के वक्त मंदिर में मौजूद थे।
पटेल नगर रहवासी संघ के अध्यक्ष कांतिभाई पटेल ने इस बात पर नाराजगी जताई कि हादसे की सूचना दिए जाने के बाद भी एक घंटे तक मौके पर एम्बुलेंस नहीं पहुंची थी।
(भाषा इनपुट)